झारखंड

लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल व आम जनता सक्रिय हुए

Renuka Sahu
11 March 2024 7:03 AM GMT
लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल व आम जनता सक्रिय हुए
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लोकसभा चुनाव होने वाली है। वर्ष 2024 की चुनाव का घोषणा चंद दिनो में ही हो जाएगा.

लातेहार : लोकसभा चुनाव होने वाली है। वर्ष 2024 की चुनाव का घोषणा चंद दिनो में ही हो जाएगा. जहां राजनीतिक दल चुनाव को लेकर अपनी रणनीति बनाये हुए हैं. आम लोगों में भी होने वाले चुनाव को लेकर काफी उत्साह और सक्रियता देखी जा रही है. चतरा संसदीय क्षेत्र में मुख्य चुनावी मुद्दा स्थानीय सांसद, रोजगार, शिक्षा ,भूमि सर्वे ,टोरी रेलवे फाटक में फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण, स्वास्थ्य व्यवस्था आदि की रही थी. जो आज भी बरकरार है. चतरा संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा आता है. जिसमें लातेहार , मनिका, चतरा ,सिमरिया, पांकी विधानसभा का नाम शामिल है. पूरा चतरा लोकसभा क्षेत्र खनिज सम्प्रदा से भरा पड़ा है. लातेहार जिला अंतर्गत चार कोयला खदान और कई कोयला साइडिंग है. इतना हीं नही खनिज संप्रदा होने के बावजूद भी इस क्षेत्र में एक भी कारखाना नहीं लगाया गया है. जबकि रोजगार की दृष्टिकोन से लोगों का क्षेत्र में कारखाना की मांग रही है. इस क्षेत्र में अधिकांश लोग कृषि कार्य से जुड़े हुए हैं. लातेहार जिले में टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. किसान लंबे समय से टमाटर सॉस की फैक्ट्री लगाने की मांग कर रहे थे. ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके पर यह मांग सिर्फ राजनीतिक मुद्दा बनकर रह गया है. लातेहार जिला हरिजन आदिवासी बाहुली क्षेत्र है इस क्षेत्र के अधिकांश भाग जंगल पेड़ पर्वत है. जंगल क्षेत्र और अशिक्षा व बेरोजगारी को लेकर यहां लोग अज्ञानता या मजबूरी में नक्सलियों का दामन थाम लेते हैं. इस लातेहार जिला में एक भी सरकार का डिग्री कॉलेज अच्छी शिक्षा व्यवस्था नहीं है. जो जिले का शिक्षा के बल पर लोग अपना कायाकल्प कर सके. समृद्ध लोग प्लस टू के बाद उच्च शिक्षा के लिए आसपास के शहरों में जाते हैं. गरीब पास के स्कूलों में ही जो शिक्षा प्राप्त हो पाए उतना में ही रह जाते हैं. इसके कारण यहां अधिकांश लोग उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं. जिसके लिए उन्हें नौकरी नहीं मिल पाती और लोग बेरोजगार मजदूर रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं.

बता दें कि चतरा ही मात्र एक ऐसा संसदीय क्षेत्र है. जहां से आज तक कोई भी स्थानीय व्यक्ति सांसद नहीं बन सका है. चतरा संसदीय क्षेत्र के सांसद हमेशा किसी दूसरे क्षेत्र के रहने वाले लोग ही रहे हैं. यहां सांसद बनने के बाद उनका दर्शन दुर्लभ हो जाता है और प्रतिनिधियों पर क्षेत्र से गायब रहने का आरोप लगता है.शिक्षा के मामले में भी यह इलाका पूरी तरह पिछड़ा हुआ है. इसके अलावा भूमि सर्वे जिले का मुख्य मुद्दे हैं. लेकिन इन अहम मुद्दों पर किसी भी जनप्रतिनिधियों के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. लोगों का मानना है कि आने वाली सरकार और आने वाले जन प्रतिनिधियों को इन मुद्दों पर गंभीरता दिखानी चाहिए। जिसको लेकर चतरा संसदीय क्षेत्र के मतदाता स्थानीय सांसद को टिकट दे ऐसा मांग पिछले कई चुनाव में करते आ रहे हैं जो आज भी राष्ट्रीय पार्टियों से स्थानीय लोगों को उम्मीदवार बनाने की मांग जारी है ताकि क्षेत्र की जो मूलभूत समस्या है उसका समाधान किया जा सके.


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