झारखंड

पुलिस ने गैंगरेप नाबालिग पीड़िता का करवाया मेडिकल

Gulabi Jagat
25 July 2022 11:50 AM GMT
पुलिस ने गैंगरेप नाबालिग पीड़िता का करवाया मेडिकल
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गैंगरेप नाबालिग पीड़िता का करवाया मेडिकल
गैंगरेप पीड़िता नाबालिग की महिला थाना पुलिस ने सोमवार को मेडिकल कराया. पुलिस अब नाबालिग की कोर्ट में 164 का बयान दर्ज करवाएगी. बता दें की नाबालिग को 3 महीने पूर्व तीन युवकों ने बाजार से लौटते समय अपहरण कर लिया था. परिजनों ने जरीडीह थाना में गुमशुदगी दर्ज कराई थी. लेकिन गुमशुदा नाबालिग को खोजने के बजाय बोकारो पुलिस महीनों सोती रही. इधर 3 महीने तक नाबालिग के तीन युवकों ने गैंगरेप किया. जब नाबालिग ने विरोध करना चाहा तो उसके साथ मारपीट की जाती रही. पीड़िता 19 जुलाई को किसी प्रकार आरोपियों की चंगुल से निकल कर अपने घर पहुँची. और महिला थाना पहुंच कर पूरे मामले को बताया. जब भी परिजन थाने जाते थे तो पुलिस बेटी को खुद खोजने की बात कहती रही. पीड़िता ने आपबीती बताते हुए कहा कि गैंगरेप के दौरान उसे बेरहमी से पीटा जाता था. पीड़िता के बयान पर पोक्सो एक्ट के तहत गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में मनोज कुमार, बिष्णु कुमार और मंतोष कुमार को आरोपी बनाया गया है. पुलिस इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रही है. हालांकि इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है.
पीड़िता के अनुसार 20 अप्रैल को घर से कपड़ा खरीदने बहादुरपुर आई थी. इसी दौरान जब वह कपड़ा खरीद कर घर लौट रही थी, उसी वक्त मंतोष ऑटो में बैठा कर ले गया. उसके बाद तीनों ने मिलकर में ही मुंह बांध दिया और उसे उठाकर पिंडराजोरा थाना क्षेत्र के तेलीडीह स्थित फोरलेन में लाकर एक कमरे में बंद कर दिया. लगातार उसके साथ तीनों ने बारी-बारी 3 महीने तक उसका रेप किया. जब आरोपी कमरे से बाहर निकलते थे तो उसका मुंह बांधकर बाहर से कमरे में ताला लगा दिया जाता था. आरोपी पीड़िता को बाहर से खाना लाकर खिलाते थे. 19 जुलाई को पड़ोस की रहने वाली महिला ने पीड़िता को देखा उसके बाद ताला तोड़कर उसे बाहर निकाला और परिजनों को इसकी सूचना दी. पीड़िता के पास उसका मोबाइल भी था. लेकिन उसके मोबाइल को आरोपियों ने तोड़ डाला था. पीड़िता और उसके परिजनों की सूचना के बाद जारीडीह थाना मौके पर जरूर पहुंची, लेकिन सिर्फ घटनास्थल का मुआयना कर वापस लौट गई और पीड़िता के मां को कहा कि लड़की मिल गई है. पुलिस ने परिजनों को कहा कि घर जाएं मामला दर्ज करने से कोई फायदा नहीं होगा. इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने महिला थाने में आकर मामला दर्ज कराया .
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