झारखंड

11 साल से फरार ठगी के आरोपी को पुलिस ने दबोचा, 21.68 लाख लेकर हुआ था फरार

Shantanu Roy
1 Nov 2021 6:37 AM GMT
11 साल से फरार ठगी के आरोपी को पुलिस ने दबोचा, 21.68 लाख लेकर हुआ था फरार
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खुद को बड़ी कंपनी का एचआर बता कर कई बेरोजगार युवकों से लाखों रुपए की ठगी करने वाले आरोपी को कोतवाली पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है. ठग अरविंद कुमार सिन्हा कई बेरोजगार युवकों से लगभग 21.68 लाख रुपये की ठगी कर 11 साल से फरार था.

जनता से रिश्ता। खुद को बड़ी कंपनी का एचआर बता कर कई बेरोजगार युवकों से लाखों रुपए की ठगी करने वाले आरोपी को कोतवाली पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है. ठग अरविंद कुमार सिन्हा कई बेरोजगार युवकों से लगभग 21.68 लाख रुपये की ठगी कर 11 साल से फरार था. अरविंद की गिरफ्तारी बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.

सेल में नौकरी का देता था झांसा देता था ठग
खुद को सेल का एचआर मैनेजर बताकर नौकरी लगाने का झांसा देने वाले ठग अरविंद कुमार सिन्हा ने सबसे पहले अपने ही ड्राइवर को ठगी का शिकार बनाया. ड्राइवर के एफआईआर की जांच जब शुरू हुई तब 8 लोगों से ठगी की बात सामने आयी.
ठगी में पत्नी देती थी साथ
ठगी के इस धंधे में उसके साथ उसकी पत्नी सुधा देवी और उसके तीन दोस्त डॉक्टर एके सिन्हा, भुवन राय और राजकुमार प्रसाद शामिल थे. एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए कई सालों से कोशिश कर रही थी. लेकिन हर बार चकमा देकर अरविंद कुमार फरार हो जाता था. अरविंद की गिरफ्तारी के बाद उसके सभी साथियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है.
ठगी का कैसे हुआ खुलासा
खबर के मुताबिक ठगी का शिकार ड्राइवर मनोहर प्रसाद, सरगना अरविंद सिन्हा की पत्नी सुधा का ड्राइवर था. सुधा ने मनोहर से कहा कि उसके पति सेल में एचआर मैनेजर हैं. अगर पांच लाख रुपये दोगे तो साहब नौकरी लगवा देंगे. नौकरी की लालच में मनोहर प्रसाद ने 2009 में एडवांस के तौर पर 2.50 लाख रुपये दिये. ये पैसा अरविंद कुमार सिन्हा ने दरभंगा हाउस में लिए थे. पैसा देने के काफी दिनों बाद भी जब मनोहर को नौकरी नहीं मिली तो उसे कुछ संदेह हुआ. इधर, अरविंद लगातार बाकी पैसा देने की बात कहता था.
घर में ताला लगाकर फरार हुआ अरविंद
ठगी के शिकार लोग जब पैसे वापस करने का दबाव डालने लगा तो एक दिन अचानक अरविंद कुमार सिन्हा परिवार के साथ घर में ताला मारकर फरार हो गया. काफी खोजबीन के बाद भी जब आरोपी से संपर्क नहीं हुआ तो मनोहर ने काेतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. पुलिस ने जब जांच शुरू की तब पता चला कि ठगी के कारोबार में उसका पूरा परिवार शामिल है.


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