झारखंड

नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले बूढ़ा पहाड़ पर बनेगा पुलिस कैंप

Renuka Sahu
30 Aug 2022 5:20 AM GMT
Police camp will be built on the old mountain called the stronghold of Naxalites
x

फाइल फोटो 

नक्सलियों का गढ़ कहा जाने वाला बूढ़ा पहाड़ में पुलिस कैंप बनाया जायेगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नक्सलियों का गढ़ कहा जाने वाला बूढ़ा पहाड़ में पुलिस कैंप बनाया जायेगा. जानकारी के मुताबिक उन इलाकों में कैंप बनाया जायेगा. जहां पर माओवादियों ने अपना कैंप बनाकर रखा था. सुरक्षाबलों का कैंप लगाने की पहल के बाद जल्द ही बूढ़ा पहाड़ नक्सल मुक्त होगा. पुलिस कैंप बूढ़ा पहाड़ के झींकपानी, पीपरढाब और पुंदाग के इलाके में बनाया जाएगा. बताया जा रहा है कि झारखंड और छत्तीसगढ़ मिलकर कैंप स्थापित करेंगे.गौरतलब है कि बीते दिनों सुरक्षाबलों ने बूढ़ा पहाड़ को घेरने का अभियान शुरू किया था. लेकिन बारिश के कारण अभियान को बंद करना पड़ा था.

झींकपानी के इलाके में माओवादी अपना ट्रेनिंग कैंप चला रहे
जानकारी के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियां को सूचना मिली थी कि बूढ़ा पहाड़ के झींकपानी के इलाके में माओवादी बड़ी बैठक कर अपना ट्रेनिंग कैंप चला रहे है. इसी सूचना के बाद झारखंड और छत्तीसगढ़ की पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान शुरू किया था. इस अभियान में 40 कंपनी से अधिक सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था, लेकिन बारिश के कारण बंद किया गया.
माओवादी का मुख्य केंद्र है बूढ़ा पहाड़
बूढ़ा पहाड़ माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है. इसे मुक्त कराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती है. माओवादियों ने वर्ष 2013-14 में बूढ़ापहाड़ को झारखंड-बिहार उत्तरी छत्तीसगढ़ सीमांत एरिया स्पेशल कमिटी का मुख्यालय बनाया था. एक करोड़ के इनामी दिवंगत माओवादी कमांडर अरविंद ने बूढ़ा पहाड़ को अपना मजबूत ठिकाना बनाया था. पुलिस को सूचना मिली है कि 25 लाख के इनामी माओवादी सौरव उर्फ मरकस बाबा के नेतृत्व में 40 से 50 की संख्या में माओवादी कैंप कर रहे हैं. इसी इलाके में माओवादी कमांडर नवीन यादव, रविंद्र गंझू, मृत्युंजय भुइंया, संतु भुइंया व छोटू खेरवार ने शरण ले रखी है. यहां से नक्सली अपनी रणनीति बनाते रहे हैं.
Next Story