झारखंड

आशीर्वाद टावर में प्लाइवुड ने भड़काई आग: रिपोर्ट

Admin Delhi 1
9 Feb 2023 6:57 AM GMT
आशीर्वाद टावर में प्लाइवुड ने भड़काई आग: रिपोर्ट
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धनबाद न्यूज़: जोड़ाफाटक रोड पर शक्ति मंदिर के बगल में स्थित आशीर्वाद टावर अग्निकांड की प्रारंभिक जांच पूरी हो गई है. डीसी संदीप सिंह के आदेश पर बनी अलग-अलग विभागों की टीम ने अपनी रिपोर्ट जांच टीम की अगुवाई कर रहे अपर समाहर्ता नंदकिशोर गुप्ता को सौंप दी. नगर निगम की ओर से को रिपोर्ट सौंपी जा सकती है. जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि बी ब्लॉक के दूसरे तल पर स्थित जिस फ्लैट से आग भड़की थी, उस फ्लैट में लगी फॉल्स सीलिंग के प्लाइवुड के कारण आग भड़की.

जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आग के कारण आशीर्वाद टावर के ढांचे की मजबूती पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है. अपार्टमेंट की दीवारें और सभी पिलर ठोस और मानक के अनुरूप हैं. रिपोर्ट को समायोजित करने के बाद जांच से जुड़े अन्य तथ्य सामने आएंगे. जांच में अपार्टमेंट के फायर फाइटिंग सिस्टम और स्प्रिंकल की खामियां उजागर हुई हैं. बताया गया कि अपार्टमेंट की फायर फाइटिंग के पाइप का वल्व खोला गया लेकिन इसमें से पानी ही नहीं निकला. टैंक में पानी ही नहीं था. डीसी के आदेश पर अग्निशमन, भवन प्रमंडल, नगर निगम और विद्युत विभाग के अलावा धनबाद सीओ प्रशांत लायक को अगलगी की जांच की जिम्मेवारी सौंपी गई थी. सभी विभागों ने आशीर्वाद अपार्टमेंट की आग से जुड़ी अपनी-अपनी जांच रिपोर्ट तैयार की. जांच टीमों ने अपर समाहर्ता नंदकिशोर गुप्ता से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट सौंपी. एसी ने जांच टीमों के साथ रिपोर्ट पर चर्चा भी की. नगर निगम की टीम की रिपोर्ट आने के बाद को इसे समायोजित किया जाएगा. इस संयुक्त रिपोर्ट को एसी डीसी को सौंपेंगे. डीसी के स्तर से सरकार को जांच रिपोर्ट भेजी जाएगी. इधर, आशीर्वाद अपार्टमेंट अगलगी की जांच रांची फोरेंसिक साइंस लैब की टीम भी कर रही है.

जांच के पेच में फ्लैट में रहने के बावजूद बेघर हैं लोग

आशीर्वाद टावर का ए ब्लॉक तो चालू कर दिया गया, लेकिन बी ब्लॉक को अब भी सील ही रखा गया है. आग के मलबों को हटा कर साफ-सफाई का काम चल रहा है. डीसी को जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद ही बी ब्लॉक में लोगों को इंट्री दी जाएगी. अब भी लोग अपने रिश्तेदार, होटल और गुरुद्वारा में रहने को विवश हैं. आग में परिवार व रिश्तेदारों को गंवाने वाले सुबोध लाल श्रीवास्तव गुरुद्वारा में रह कर ही श्राद्ध कर्म कर रहे हैं.

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