36 दिन से आतंक के पर्याय बने तेंदुए को मारने की मिली अनुमति
राँची न्यूज़: पिछले 36 दिनों से गढ़वा के सुदूरवर्ती गांवों में आतंक का पर्याय बने आदमखोर तेंदुए को अब मारने की अनुमति मिल गई है. उसकी पुष्टि वन संरक्षक दिलीप कुमार यादव ने की है.
वन संरक्षक ने बताया कि तेंदुए को मारने की अनुमति के लिए 10 जनवरी को प्रस्ताव पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को भेजा गया था. उन्होंने बताया कि अब एक साथ तीनों स्थितियों पर काम किया जाएगा. पिंजड़ा में कैद करने के अलावा उसे टैंकुलाइज कर पकड़ने का प्रयास भी होगा. प्रस्ताव पर अनुमति मिलने के बाद अब उसे मार डालने की कार्रवाई अंतिम विकल्प के तौर पर रखा जाएगा.
आदमखोर तेंदुए को मारने पर कमेटी ने पहले ही सहमति दी थी. कमेटी में वन संरक्षक दिलीप कुमार यादव अध्यक्ष हैं. उसके अलावा डीएफओ शशि कुमार, पलामू व्याघ्र परियोजना के उपनिदेशक मुकेश कुमार, भ्रमणशील पशु चिकित्सक डॉ राकेश जोजो, जिला परिषद उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव आदि शामिल हैं. आदमखोर तेंदुए को मारने के कमेटी के प्रस्ताव पर अनुमति मिलने के बाद अब उसे मारने की कार्रवाई की जाएगी. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने आदमखोर तेंदुआ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने की अनुमति 28 दिसंबर को ही दी थी. तेंदुआ को मारने की अनुमति मिलने के साथ ही आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा. फिलहाल तेंदुआ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने के लिए हैदराबाद के जानेमाने शूटर नवाब शफत अली खान के नेतृत्व में टीम कैम्प कर रही थी. अनुमति मिलने के बाद अब टीम उसे मारने की कार्रवाई करेगी.
अबतक तीन बच्चों को मार चुका है तेंदुआ
आदमखोर तेंदुए ने दक्षिणी वन प्रमंडल क्षेत्र के अलग-अलग प्रखंडों में कुल तीन बच्चों को मार डाला है. वन प्रमंडल के करीब 100 गांवों के लोग तेंदुआ के आतंक के कारण दहशत में हैं. तेंदुए ने 28 दिसंबर को अंतिम बार रमकंडा के कुशवार गांव में 12 वर्षीय हरेंद्र नायक को मारा था. उससे पहले 13 दिसंबर को भंडरिया के बिचका गांव में दो बच्चियों पर हमला किया था. उक्त घटना में दोनों मामूली घायल हो गईं थीं. उसके अगले ही दिन 14 दिसंबर को रोदो में छह वर्षीय विक्रम तुरी को मार डाला था. उक्त घटना के बाद तेंदुआ ने रोदो गांव से सटे रमकंडा के बिराजपुर गांव के लहंगगोरेया टोला में 17 दिसंबर की सुबह आंगन में झाड़ू लगा रही महिला पर हमला किया था. इससे पहले उसने छिपादोहर के गांव में भी एक बच्चे को मार डाला था.