झारखंड

आयुष्मान के लिए राशन कार्ड बनवाना चाहते हैं जिले के लोग

Admin Delhi 1
10 May 2023 7:52 AM GMT
आयुष्मान के लिए राशन कार्ड बनवाना चाहते हैं जिले के लोग
x

जमशेदपुर न्यूज़: बनने में चाहे जितनी देर लगे, राशन कार्ड का आकर्षण और मांग बरकरार है. सिर्फ चावल लेने के लिए नहीं. यह आमलोगों के लिए इसलिए बहुमूल्य है, क्योंकि इसी की बदौलत वे आयुष्मान योजना का लाभ ले सकते हैं. अब यह सुविधा सिर्फ पीएच कार्डधारकों तक ही सीमित नहीं है. ग्रीन कार्ड धारक भी गोल्डन कार्ड बनवाकर आयुष्मान योजना का लाभ ले सकते हैं, जिसकी मदद से सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में प्रति सदस्य पांच लाख तक का इलाज कैशलेस होता है.

साकची मोहम्मडन लाइन निवासी अहमद अंसारी आपूर्ति कार्यालय में यह पता लगाने पहुंचे थे कि 15 दिन पहले उन्होंने ग्रीन कार्ड बनाने के लिए जो आवेदन किया था, उसका क्या हुआ. उन्हंी बताया गया कि उनसे पहले वाले का जब कार्ड बन जाएगा, तब उनका नंबर आएगा. फिलहाल यह जानने का कोई जरिया नहीं है कि उनके आगे कितने लोग आवेदक हैं.

आहार पोर्टल में ऊपर के 20 आवेदकों को ही देखा जा सकता है. उसके बाद वाले आवेदक का पता करना मुश्किल है. वैसे भी शहरी क्षेत्र में करीब तीन हजार आवेदक लाइन में हैं. पूछताछ में अहमद अंसारी ने बताया कि उन्हें राशन कार्ड इसलिए चाहिए, क्योंकि आयुष्मान योजना का लाभ लेना है.

मात्र 54 प्रतिशत लोगों ने ही उठाया चावल: ग्रीन कार्ड वालों के लिए करीब 9 माह बाद जो चावल आया है, उसे लेने वाले पूरे जिले में मात्र 54.3 प्रतिशत लाभुक हैं. नवंबर के चावल के वितरण की यह रिपोर्ट है. जमशेदपुर शहरी क्षेत्र में यह संख्या तो और भी कम मात्र 45.85 प्रतिशत है. इससे साफ पता चलता है कि लोग ग्रीन कार्ड इसलिए बनाना चाहते हैं, ताकि उन्हें आयुष्मान योजना का लाभ मिल सके.

मानगो के कार्डधारकों ने सबसे अधिक लाभ उठाया: जमशेदपुर अक्षेस क्षेत्र में चावल उठाने वालों की संख्या तो और भी कम मात्र 42 प्रतिशत है. हालांकि मानगो क्षेत्र के 72 फीसदी लाभुकों ने ग्रीन कार्ड का चावल उठाया. दरअसल नौ माह बाद राज्य सरकार ने ग्रीन लाभुकों के लिए चावल उपलब्ध कराया है. चावल के पांच-पांच किलो के पैकेट आए हैं. 20 से 30 अप्रैल के बीच चावल बांटा गया. परंतु बिना पैसा के मिल रहे इस चावल को लेने के प्रति आधे से अधिक लोगों ने अरुचि दिखाई है.

Next Story