झारखंड

झारखंड राज्य के लिए आंदोलन में शामिल लोगों को मिलेगी पेंशन, करना होगा यह काम

Kajal Dubey
4 Jun 2022 10:41 AM GMT
झारखंड राज्य के लिए आंदोलन में शामिल लोगों को मिलेगी पेंशन, करना होगा यह काम
x
पढ़े पूरी खबर
बिहार को विभाजित कर आज से 22 साल पहले बनाए गए अलग झारखंड राज्य के लिए आंदोलन में शामिल लोगों को 3 से 7 हजार रुपये पेंशन दी जाएगी। सीएम हेमंत सोरेन ने पात्र पेंशनरों की पहचान के लिए नया फॉर्म जारी किया है। सोरेन ने इस मौके पर कहा कि झारखंड आंदोलन आजादी की लड़ाई से कम नहीं था।
झारखंड को अलग राज्य बनाने की मांग वैसे तो आजादी के भी पहले की थी, लेकिन लंबे संघर्ष व आंदोलन के बाद 15 नवंबर 2000 को अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने झारखंड को अलग राज्य बनाया था। झारखंड आंदोलन में सीएम हेमंत सोरेन के पिता व पूर्व सीएम शिबू सोरेन ने अहम भूमिका निभाई थी।
अब हेमंत सोरेन सरकार ने अलग राज्य के गठन के आंदोलन में शामिल लोगों को पेंशन देने का काम तेज किया है। पेंशन के नए आवेदन पत्र का सीएम सोरेन ने जारी कर दिया है। उनका कहना है कि अलग राज्य की लड़ाई में शामिल अंतिम व्यक्ति को भी उनकी सरकार सम्मान और पेंशन देना चाहती है।
जब राज्य अलग हुआ तब से आंदोलनकारियों की पहचान की बात हो रही है, लेकिन अब तक उनके साथ न्याय नहीं हो सका।
कार्यक्रम में उमड़ी भीड़, सीएम ने माफी मांगी
झारखंड के सभी 24 जिलों से झारखंड आंदोलन में शामिल 10–10 लोगों को नए आवेदन पत्र के लोकार्पण समारोह में बुलाया गया था, लेकिन इसमें भीड़ उमड़ पड़ी। सीएम सोरेन ने कार्यक्रम स्थल पर जगह कम पड़ने को लेकर माफी भी मांगी।
आंदोलनकारियों के लिए बड़े एलान
झारखंड आंदोलनकारियों को कई सुविधाएं दी जाएंगी। आंदोलन के वक्त पुलिस गोलीबारी या जेल में मृत या दिव्यांग आंदोलनकारी के आश्रित परिवार के एक सदस्य को चौथी श्रेणी में नौकरी।
अन्य आंदोनकरियों के एक आश्रित को तीसरी या चौथी श्रेणी में नौकरी।
जेल में मृत्यु होने पर आंदोलनकारी के एक आश्रित को पेंशन।
तीन माह से कम जेल में रहने वालों को 3500 प्रतिमाह पेंशन
तीन माह से छह माह जेल में रहने पर 5 हजार रुपये पेंशन
छः माह से अधिक जेल में रहने पर 7 हजार प्रतिमाह पेंशन
करना होगा आवेदन
पेंशन व अन्य सुविधाओं के लिए झारखंड आंदोलन में योगदान देने वाले सभी लोग एवं उनके आश्रित को आवेदन करना होगा। इसके पात्र हैं आंदोलनकारी स्वयं, पत्नी, पुत्र, अविवाहित पुत्री, पुत्र, पुत्र की विधवा पत्नी, आंदोलनकारी महिला के पति, आंदोलनकारी के पौत्र व पौत्री। आंदोलनकारी चिन्हितिकरण आयोग के राज्य स्तरीय दफ्तर में आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा संबंधित जिला उपायुक्त कार्यालय में भी आवेदन कर सकते हैं।
Next Story