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न्यूज़ स क्रेडिट : kalingatv.com
अपनी संतान के दीर्घायु के लिए सभी माताएं निर्जला उपवास कर अष्टमी तिथि में जीमूतवाहन का व्रत करती हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अपनी संतान के दीर्घायु के लिए सभी माताएं निर्जला उपवास कर अष्टमी तिथि में जीमूतवाहन का व्रत करती हैं. इस त्योहार में अष्टमी के दिन सभी अपने घरों के आंगन में पुरोहित की उपस्थिति में मंत्रोच्चारण के साथ आंगन के बीच में डाल स्थापित कर विधि-विधान से पूजा-पाठ करती हैं. शनिवार को
कुमीर गांव की 31 व्रतियों ने द्वीप जलाकर जीमूतवाहन देवता की विधि विधान से पूजा अर्चना की और अपने बच्चों की रक्षा व परिवार की सुख-शांति, समृद्धि की कामना की. पुरोहित मुचिराम आचार्य द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ पूजा संपन्न करवाया गया.
डाल विसर्जन कर किया जाएगा पारण
जानकारी देते हुए स्थानीय समाजसेवी निर्मल महतो ने बताया कि गांव में लगभग 25 घरों में जीमूतवाहन( जितिया) पर्व मनाया जाता है. इस दौरान सभी व्रती महिलाएं सुबह से ही निर्जला उपवास कर पूजा करती हैं. सभी व्रतियों द्वारा रविवार को डाल विसर्जन के बाद पारण किया जाएगा. वहीं, क्षेत्र के विभिन्न गांवों में पूर्वजों द्वारा चले आ रहे परंपरा के आधार पर पूजा किया गया. इस त्योहार को लेकर गांवों में काफी उत्साह देखा गया है. इस त्योहार के दौरान सभी अपने पूर्वजों को याद कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
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