झारखंड

जवानों की बिगड़ती मनोदशा को लेकर पलामू पुलिस की पहल, बडी पुलिसिंग से सुधरेगी सेहत

Shantanu Roy
17 Nov 2021 11:13 AM GMT
जवानों की बिगड़ती मनोदशा को लेकर पलामू पुलिस की पहल, बडी पुलिसिंग से सुधरेगी सेहत
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छत्तीसगढ़ के सुकमा में हाल के दिनों में साथी जवान की फायरिंग में तीन जवानों की मौत के बाद पूरे देश में नक्सल अभियानों में तैनात जवानों की मानसिक स्थिति को लेकर कदम उठाए जाने लगे हैं.

जनता से रिश्ता। छत्तीसगढ़ के सुकमा में हाल के दिनों में साथी जवान की फायरिंग में तीन जवानों की मौत के बाद पूरे देश में नक्सल अभियानों में तैनात जवानों की मानसिक स्थिति को लेकर कदम उठाए जाने लगे हैं. इस घटना को लेकर झारखंड में अलर्ट जारी किया गया है. जवानों की मनोदशा को लेकर सभी अधिकारियों को पत्र लिखा गया है. जिले में जवानों को मानसिक रूप से स्वस्थ और तरोताजा रखने के लिए बडी पुलिसिंग की शुरुआत की जा रही है.

क्या है बडी पुलिसिंग
बडी पुलिसिंग के तहत हर एक जवानों का पेयर तैयार होगा, यह पेयर रूम मेट या डयूटी के दौरान तैनात जवान हो सकता है. दोनों एक दूसरे का ख्याल रखने के साथ-साथ उनकी गतिविधि पर भी नजर रखेंगें. पलामू में नक्सल विरोधी अभियान में जिला बल के करीब 2000 जवान तैनात हैं. इसके अलावा सीआरपीएफ,आईआरबी, जैप, सैट के जवान भी तैनात हैं ऐसे में इस तरह के अभियान की जरूरत बताई जा रही है.
बडी पुलिसिंग से जवानों को मिलेगी मदद
पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पूर्व में मानसिक रूप से कमजोर जवान को हथियार के साथ ड्यूटी नहीं दिया जाता था. पलामू में बडी पुलिसिंग की शुरुआत की गई है ताकि हर एक जवान एक दूसरे का ख्याल रख सके. बडी पुलिसिंग से सबसे बड़ा फायदा होगा कि जवान मानसिक रूप से मजबूत होंगे. उन्होंने बताया कि बडी पुलिसिंग के माध्यम से जवानों के मनोदशा का रिपोर्ट पिकेट, थाना , कंपनी के प्रभारी वरीय अधिकारियों को देंगे.
अनुमंडल स्तर पर आयोजित होगी पुलिस सभा
पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि महीने में एक बार जिला स्तर पर पुलिस सभा का आयोजन किया जाता है. इस पुलिस सभा में जवानों की समस्याओं को सुनी जाती है. अब यह सभा पुलिस अनुमंडल स्तर पर आयोजित होगी. इस पुलिस सभा में एसडीपीओ जवानों की समस्या सुनेंगे और उनके समाधान को लेकर कदम उठाएंगे.


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