झारखंड

पद्मश्री सिमोन उरांव को पैरालाइसिस का अटैक, राज्यपाल रमेश बैस ने रिम्स में जाकर मिला

Ritisha Jaiswal
30 July 2022 3:56 PM GMT
पद्मश्री सिमोन उरांव को पैरालाइसिस का अटैक, राज्यपाल रमेश बैस ने रिम्स में जाकर मिला
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झारखंड की राजधानी रांची से 38 किमी दूर बेड़ो के खख्शीटोली निवासी पद्मश्री सिमोन उरांव को शुक्रवार को पैरालाइसिस का अटैक आया.

झारखंड की राजधानी रांची से 38 किमी दूर बेड़ो के खख्शीटोली निवासी पद्मश्री सिमोन उरांव को शुक्रवार को पैरालाइसिस का अटैक आया. उन्हें तत्काल इलाज के लिए बेड़ो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. वहां से उन्हें रिम्स रेफर कर दिया गया. रिम्स में उनका इलाज जारी है. सिमोन उरांव जल पुरुष के रूप में प्रसिद्ध हैं. उनकी तबीयत खराब होने की जानकारी मिलते ही राज्यपाल रमेश बैस ने रिम्स में जाकर उनका हालचाल लिया.

राज्यपाल ने सिमोन उरांव को भरोसा दिलाते हुए कहा कि आप बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे. एक बार फिर आपको हम राजभवन बुलाएंगे. इस दौरान सिमोन उरांव राज्यपाल का हाथ छोड़ नहीं रहे थे. हालांकि राज्यपाल ने समझाते हुए कहा कि अब मैं चलता हूं. मुझे दिल्ली जाना है.राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि जैसे ही मुझे जानकारी मिली की पद्मश्री सिमोन उरांव को लकवा मार दिया है. मैं उनसे मिलने के लिए रिम्स पहुंच गया. रिम्स में दो दिन के इलाज में उनके स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो जल्द स्वास्थ्य होकर हम सबके बीच आएं.
पद्मश्री सिमोन उरांव जल पुरुष के नाम से फेमस हैं. उन्होंने जल, जंगल व जमीन को बचाने के लिए हजारों पेड़ लगाया है. वर्षा जल संचयन और पेड़-पौधों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिये कई सराहनीय कार्य किया है. अपना सारा जीवन प्रकृति और मानव कल्याण के लिए समर्पित कर दिया है. उनके काम को देखते हुए उन्हें पद्मश्री सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.
सिमनो उरांव ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से अपने इलाके में हरितक्रांति ला दी. वे 12 गांव के पाड़हा राजा हैं. गांव की समस्या और झगड़ों को सुलझाना और गांव में शांति बहाल करना पाड़हा व्यवस्था द्वारा ही होता है. यही नहीं झारखंडी संस्कृति और परम्परा को आज भी पड़हा समाज द्वारा संजो कर रखा जा रहा है.


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