झारखंड

जमीन कारोबारी की मौत से लोगों में आक्रोश, आजादनगर थानेदार पर लापरवाही का आरोप

Admin Delhi 1
18 Jan 2023 6:38 AM GMT
जमीन कारोबारी की मौत से लोगों में आक्रोश, आजादनगर थानेदार पर लापरवाही का आरोप
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जमशेदपुर न्यूज़: मानगो के आजादनगर में जमीन कारोबारी शब्बीर अहमद हत्या में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक मुख्य आरोपी गुलरेज भी है. सबसे पहले गुलरेज का ही झगड़ा शब्बीर के साथ हुआ था. इनके बीच तनाव की स्थिति बनी थी. शब्बीर और गुलरेज के बीच में रोड नंबर 3 में भी पहले मारपीट हुई थी.

बिहार और बंगाल में छापेमारी इधर, इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए दो टीम को शहर से बाहर रवाना किया गया है. एक टीम बिहार गई हुई है, जबकि दूसरी टीम कोलकाता में दबिश दे रही है. कोलकाता के खिदिरपुर इलाके में स्थित एक होटल में पुलिस ने छापेमारी की, लेकिन छापेमारी से पहले ही अपराधी फरार हो गए. माना जा रहा है कि इस होटल में छोटू बच्चा, शादाब सहित तीन लोग छिपे थे. ऐन वक्त पर पुलिस के पहुंचने से पहले ही वहां से फरार हो गए.

नशेड़ियों पर कार्रवाई की मांग इधर, घटना को लेकर बस्ती के लोगों में आक्रोश है. लोगों ने कहा कि कि छोटू बच्चा गिरोह के सदस्यों द्वारा यहां नशे का सेवन किया जाता था. कांग्रेस नेता बबलू नौशाद संरक्षण देता था. इनके आतंक के चलते कोई विरोध में खड़ा नहीं होता था. इससे पूरे आजादनगर का माहौल भी खराब हो रहा है.

घटना के दिन कांग्रेस नेता नौशाद से हुई थी बहस:

बताया जाता है कि जिस दिन शब्बीर को गोली मारी गई, उस दिन बबलू नौशाद और शब्बीर के बीच बहस हुई थी. बहस इसलिए हुई थी, क्योंकि एसएसपी कार्यालय में जब प्रदर्शनकारियों को लेकर शब्बीर गए थे तो वहां पर बयान में बबलू नौशाद का भी नाम लिया गया था. इसमें उसपर संरक्षण देने का आरोप लगाया था. इसको लेकर शाम में बावनगोड़ा चौक में शब्बीर और नौशाद में बहस हुई थी. नौशाद ने पूछा था कि जब इस मामले से उसका कोई लेना देना नहीं है तो बयान में उसका नाम क्यों लिया गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पूरी घटना को सिंटू नामक युवक द्वारा हवा दी जा रही थी.

शिकायत के बाद भी स्थानीय पुलिस ने नहीं की थी कार्रवाई:

घटना से पहले कई बार लोगों ने पुलिस से शिकायत की कि यदि इस गिरोह पर अंकुश नहीं लगाया जाएगा तो कोई बड़ी घटना घट सकती है. ऑटो चालक और दुलदुल फिरोज गिरोह के सदस्य वारिस के भाई शहजाद पर हुए हमले के बाद से ही शब्बीर को लोगों ने टारगेट बनाया था. शिकायत के बावजूद स्थानीय थाने की पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी.

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