झारखंड

टेरर फंडिंग के चार मुख्य आरोपियों में एक ने सरेंडर किया, एक गिरफ्तार, दो अब भी हैं फरार

Renuka Sahu
26 Sep 2022 6:29 AM GMT
One of the four main accused of terror funding surrendered, one arrested, two are still absconding
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न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

मगध व आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मगध व आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ( एनआईए) कर रही है. टेरर फंडिंग के चार मुख्य आरोपियों में जहां मुकेश गंझू ने सरेंडर कर दिया. वहीं भीखन गंझू को रांची पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जबकि दो मुख्य आरोपी टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू और आक्रमण गंझू अबतक फरार चल रहा है.

झारखंड पुलिस और एनआईए ने किया घोषित मोस्ट वांटेड
ब्रजेश गंझू और आक्रमण गंझू को झारखंड पुलिस और एनआईए ने मोस्ट वांटेड घोषित कर रखा है. झारखंड पुलिस ने जहां ब्रजेश गंझू के ऊपर 25 लाख और आक्रमण गंझू के उपर 15 लाख का इनाम घोषित कर रखा है. वहीं एनआईए ने ब्रजेश गंझू पर पांच लाख और आक्रमण गंझू पर तीन लाख का इनाम घोषित कर रखा है. एनआईए को टेरर फंडिंग के दोनों मुख्य आरोपियों की कांड आरसी 06/2018, 22/2018 और 23/2018 में मोस्ट वांटेड घोषित कर रखा है.
जानिए क्या है पूरा मामला
चतरा जिला के टंडवा थाना में दर्ज प्राथमिकी 22/18 को एनआईए ने टेकओवर करते हुए जांच शुरू की थी. यह मामला सीसीएल, पुलिस, उग्रवादी और शांति समिति के बीच समन्वय को लेकर लेवी वसूली से संबंधित है. एनआईए ने सीसीएल कर्मी सुभान खान सहित 14 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में लिखा था कि टीएसपीसी को लेवी देने के लिए ऊंची दर पर मगध व आम्रपाली कोल परियोजना से कोयला ढुलाई का ठेका लिया गया था. इसमें टीएसपीसी उग्रवादी आक्रमण जी ने अनुशंसा की थी और ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह को ठेका मिला था. इसमें मिली राशि का बड़ा हिस्सा टीपीसी को जाता था. इस मामले में आधुनिक पावर के महाप्रबंधक संजय कुमार जैन, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह, मास्टरमाइंड सुभान खान, विदेश्वर गंझू उर्फ बिंदु गंझू, प्रदीप राम, विनोद गंझू, अजय सिंह भोक्ता समेत नौ आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे है.
बिंदू गंझू ने किया था खुलासा
टीपीसी के लिए लेवी की वसूली करने वाले मुख्य सरगना बिंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदू गंझू को एनआइए ने रांची से गिरफ्तार किया था. सूत्रों के मुताबिक, उसने ही लेवी देनेवाले ट्रांसपोर्टरों और कंपनियों के नाम का खुलासा किया था. एनआइए को उसने यह भी बताया था कि लेवी के पैसे का हिस्सा पुलिस के आला अफसरों से लेकर नेताओं तक पहुंचाया जाता है. उसकी गिरफ्तारी के बाद हजारीबाग से इनामी उग्रवादी कोहराम और चतरा से मुनेशजी की गिरफ्तारी हुई थी.
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