झारखंड

आठ में एक व्यक्ति हो रहे प्रोस्टेट कैंसर का शिकार

Admin Delhi 1
19 Sep 2023 7:04 AM GMT
आठ में एक व्यक्ति हो रहे प्रोस्टेट कैंसर का शिकार
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जमशेदपुर: पहले माना जाता था कि बुजुर्गो को प्रोस्टेट कैंसर होता है, लेकिन अब 50 वर्ष के नीचे के लोग भी इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. ब्रिटिश मेडिकल जनरल (आन्कोलॉजी) की स्टडी में यह खुलासा हुआ है. उक्त बातें मेडिका अस्पताल कोलकाता के यूरोलॉजी सर्जिकल आन्कोलॉजी के हेड और रोबोटिक सर्जरी के विशेषज्ञ डॉ. अभय कुमार ने साकची के एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं.

उन्होंने कहा कि ताजा आंकड़ों के मुताबिक, हर आठ में एक व्यक्ति प्रोस्टेट कैंसर का शिकार है. भले ही उन्हें इस बीमारी के बारे में मरणोपरांत पता चलता है. कई बार तो पोस्टमार्टम में पता चलता है कि मृतक प्रोस्टेट कैंसर से ग्रसित था. सबसे चिंता की बात यह है कि देश की युवा आबादी में हर साल 2.5 प्रतिशत दर से प्रोस्टेट कैंसर बढ़ रहा है. जमशेदपुर में भी इसी अनुपात में प्रोस्टेट कैंसर के मरीज मिल रहे हैं. प्रिवेंशन और अर्ली डिटेंशन से इसे रोका जा सकता है. लक्षणों के आधार पर हर किसी को 45 से 50 साल बाद प्रोस्टेट कैंसर की जांच करानी चाहिए. फैमिली हिस्ट्री होने पर यह बीमारी कम उम्र में भी हो सकती है.

लक्षण

50 साल बाद पेशाब में तकलीफ, बार-बार पेशाब आना, पेशाब कंट्रोल नहीं हो पाना, दिन में जरूरत से ज्यादा पेशाब होना, पेशाब की धार रूक-रूक कर होना, पेशाब करने के बाद भी कंप्लीट न होना, पेशाब करने में जोर लगना, परिवार के लोगों को यह बीमारी पहले से हो, पेशाब में खून आना और कमर दर्द

गेम चेंजर की भूमिका निभाता है रोबोटिक सर्जरी

प्रोस्टेट कैंसर में रोबोटिक सर्जरी गेम चेंजर की भूमिका निभाता है. अगर शुरुआत में इस बीमारी का पता चल जाए तो इलाज और ऑपरेशन दोनों संभव है. इसमें खर्च भी कम आता है और अस्पताल में ज्यादा दिन तक भर्ती भी नहीं रहना पड़ता है. साथ ही ब्लड लॉस भी कम होता है.

बचाव

रेड मटन का ज्यादा उपयोग न करें, डीप फ्रॉई खाद्य सामग्रियों का प्रयोग न करें, खाने में फल और सब्जियों को शामिल करें, हाई सोडियम वाले नमक से परहेज करें, लाइफ स्टाइल में बदलाव, व्यायाम करें

ताजा स्टडी में अब 50 साल के नीचे लोग प्रोस्टेट कैंसर के शिकार हो रहे हैं. इस बीमारी से बचाव का एक मात्र उपाय है कि शुरुआत में इसका पता चले. प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. शुरुआती चरण में इलाज के बाद यह बीमारी जड़ से खत्म हो सकती है.

- डॉ. अभय कुमार, यूरो आन्कोलॉजी

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