जमशेदपुर न्यूज़: एक युवती को काम दिलाने नाम पर बहला-फुसलाकर कर मध्य प्रदेश में 70 हजार में बेचने के मामले में आरोपी जुगसलाई निवासी सोनू उर्फ गोलू को अदालत ने साक्ष्य अभाव में बरी कर दिया.
युवती बिरसानगर जोन नंबर 1- बी के रहने वाली थी, जबकि इस मामले के अन्य एक आरोपी देवेन्द्र सिंह रघुवंशी फरार है. मामले की सुनवाई एडीजे-चार राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत कर रही है. मामले में कुल चार लोगों की गवाही हुई थी. बिरसानगर की युवती ने टेल्को पुलिस को बयान में बताया कि उनके पिता गाड़ी चलाते थे. बीमारी के कारण उनकी मौत वर्ष 2011 में हो गई थी. सदमे में मां की भी मौत हो गई. घर में दो छोटे भाई और बूढ़ी दादी थी. घर की हालत ठीक नहीं थी. इसलिए वह लोगों के घर झाड़ू पोछा करती थी. इस दौरान जुगसलाई के सोनू से उसकी प्लाजा चौक के पास मुलाकात हुई. तीन-चार बार मुलाकात के बाद सोनू ने उसे बाहर चलने के लिए कहा. मना करने पर भी सोनू उसे जनवरी 2017 के पहले सप्ताह में बहला-फुसलाकर मध्यप्रदेश लेकर गया. वहां पहले देवेन्द्र सिंह रघुवंशी ने जबरदस्ती शादी कराई. घर पर लेकर रखा, शारीरिक संबंध भी बनाया. उससे घर का सारा काम करवाया. एक दिन उसे देवेन्द्र के पिता से जानकारी मिली कि सोनू ने उसे 70 हजार में देवेन्द्र के हाथों बेचा है.
उसे पैसा भी नहीं देता था.
वहां से भागने का प्रयास में थी. मई में वह किसी प्रकार निकली और भागते हुए दो घंटे बाद उस सड़क पर आई. किसी मोटरसाइकिल वाले से लिफ्ट लेकर बस स्टैंड तक पहुंची, वहां से गुना रेलवे स्टेशन पहुंची. जहां रेल पुलिस को आपबीती बताई. बाद में जमशेदपुर पुलिस पहुंची और उसे साथ लेकर आई.