धनबाद न्यूज़: झरिया पुनर्वास के संशोधित प्लान को व्यावहारिक बनाने की पहल हो रही है. वेट एंड वॉच की स्थिति अब पुनर्वास में नहीं होगी. नकद मुआवजा मिलते ही अग्नि प्रभावित क्षेत्र के रैयतों को घर खाली करना होगा. पुनर्वास को लेकर कई कई स्तर पर फीडबैक लिया गया है. नकद मुआवजा सबसे बड़ा आकर्षण होगा.
रैयतों के पुनर्वास पर सबसे ज्यादा फीडबैक लिया गया है. आकर्षक नकद मुआवजा दिया गया तो रैयतों को शिफ्ट करना आसान होगा. एक अधिकारी ने मिले फीडबैक पर बताया कि खतरनाक क्षेत्र में रहनेवाले कई रैयत सुरक्षित इलाके में बसने के लिए जमीन आदि की व्यवस्था कर चुके हैं. इंतजार है तो बस उनकी परिसंपत्तियों के आकलन और मुआवजा भुगतान की. मालूम हो कि संशोधित प्लान में अब और आवास नहीं बनाने का निर्णय लिया गया है. इसकी मुख्य वजह ठेके पर बनने वाले आवास विस्थापितों को पसंद नहीं है. यही कारण है कि लंबे समय से बेलगढ़िया में विस्थापितों को बसाने में परेशानी हो रही है. आवास को लेकर फीडबैक दिया गया है कि लोग अपनी जरूरत के अनुसार घर बनाना चाहते हैं. इसलिए बेलगढ़िया में बने घर पसंद नहीं हैं. अपने परिवार की जरूरतों के अनुसार लोगों को घर पसंद है. नकद मुआवजा मिलने से विस्थापित अपनी इच्छानुसार घर बनाएंगे. ज्यादा पैसे की जरूरत होगी तो अपनी बचत से कुछ लगाएंगे. संकेत यह है कि बेलगढ़िया में रैयत बसने वाले नहीं हैं. बेलगढ़िया में जो निर्माणाधीन आवास है, वहां गैर रैयत ही बसाए जाएंगे.
मंत्रालय की प्राथमिकता सूची में कोयला मंत्रालय की प्राथमिकता सूची में झरिया पुनर्वास शामिल है. देश की इस सबसे बड़ी पुनर्वास योजना की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोयला सचिव हर महीने दूसरे और चौथे झरिया पुनर्वास की समीक्षा करेंगे. बीसीसीएल को इस बारे में कोयला मंत्रालय की ओर से सूचित किया गया है. 27 जनवरी को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक संशोधित झरिया मास्टर प्लान को लेकर अहम होने वाली है. कैबिनेट सचिव की बैठक के पहले झरिया मास्टर प्लान के हर कील कांटे को दूर किया जा रहा है. पिछली पुनर्वास योजना की विफलता के कारण को दूर करने की कोशिश हो रही है. उम्मीद है संशोधित प्लान को स्वीकृति को लेकर कैबिनेट सचिव की बैठक निर्णायक होगी.