जमशेदपुर न्यूज़: अब हत्या वाली लावारिश लाशों की डीएनए जांच होगी. इसके बाद ही उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. हत्या मामलों में जिन शवों की शिनाख्त नहीं हुई है, उनका डीएनए सैंपल लिया जाएगा, ताकि दावेदारों के सामने आनें पर उसकी पहचान हो सके. इसके साथ ही पुलिस को कोर्ट में एक पुख्ता साक्ष्य भी मिलेगा.
आम तौर पर अज्ञात शवों के मामले में जो प्रकिया अपनाई जाती है, उसमें 72 घंटे के अंदर अंतिम संस्कार करना शामिल है. इसके बाद तस्वीरों के साथ उसकी सार्वजनिक सूचना जारी की जाती है. कभी-कभी अज्ञात शवों की स्थिति क्षत-विक्षत होती है, जिससे उसकी पहचान संभव नहीं होती है. वहीं, नदी में डूबे शवों की भी पहचान नहीं हो पाती है. इस कारण वैसे शवों का डीएनए सैंपल लिया जाएगा ताकि भविष्य में उनकी पहचान हो सके.
दावेदार के डीएनए मिलान के बाद ही होगी कार्रवाई डीएनए की जांच रिपोर्ट के बाद जब शव का दावेदार आता है, लेकिन फोटो से उसकी पहचान नहीं हो पाती है तो दावेदार का डीएनए लेकर शव के डीएनए से मिलान कराया जाएगा. डीएनए मैच करने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी.
अज्ञात शवों की पहचान और जांच को लेकर अलग-अलग प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसमें यह भी एक प्रक्रिया है. इसके आधार पर ही डीएनए लिए जाने की योजना बन रही है.
- अनिमेष गुप्ता, डीएसपी सीसीआर