जमशेदपुर न्यूज़: जमशेदपुर के सीतारामडेरा थाना क्षेत्र में वर्ष 2019 में गुरचरण सिंह बिल्ला पर जानलेवा हमले के आरोपी गुरमुख सिंह मुखे को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली. जस्टिस संजय प्रसाद की अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने गुरमुख सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह किया था. पूर्व में अदालत ने गुरमुख सिंह के खिलाफ पीड़क कार्रवाई नहीं करने और निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.
गुरमुख सिंह की ओर से अदालत को बताया गया कि उनपर इस मामले में षड्यंत्र का आरोप लगाया गया है, जबकि प्राथमिकी में परस्पर विरोधी बयान है. गुरचरण की पत्नी का आरोप है कि मोटरसाइकिल से पहुंचे हमलावरों ने घटना को अंजाम दिया था, जबकि उनके भाई का कहना है कि घटना को बोलेरो में आए अपराधियों ने अंजाम दिया है. बता दें कि झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरचरण सिंह उर्फ बिल्ला की हत्या का षड्यंत्र रचने के आरोप में गुरमुख को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. घटना के समय गुरमुख सिंह मुखे सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चेयरमैन थे, जिसको लेकर दोनों में विवाद था.
यह था मामला: 9 नवंबर 2019 की सुबह गुरचरण सिंह बिल्ला पर सीतारामडेरा थाना क्षेत्र में अपराधियों ने गोली मारकर गंभीर रूप से जख्मी किया था. उस समय गुरुचरण सिंह बिल्ला पत्नी गुरप्रीत कौर के साथ मॉर्निंग वॉक कर घर लौट रहे थे. मामले में गुरप्रीत कौर के बयान पर सीतारामडेरा थाने में अमरजीत सिंह अंबे, गुरमुख सिंह मुखे और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.