राष्ट्रपति चुनाव का ऐलान होते ही बिहार में सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है. ऊपर से जदयू ने इस सरगर्मी को और तेज कर दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम की चर्चा फिर शुरू हो गई है. मामले पर बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में योग्यता और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति बनने की योग्यता रखते हैं. लेकिन फिलहाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मन में इस तरह की कोई बात नहीं है. वह इसको लेकर लालायित नहीं हैं. यदि देश चाहेगा तो बन सकते है परंतु ऐसी कोई बात नहीं है. बिहार की जनता ने उन्हें काम करने का मौका दिया है और वह बिहार की जनता के लिए काम करते आ रहे. आगे भी जनता चाहेगी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी सेवा करेंगे.
18 जुलाई को होगा मतदान
बता दें कि वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जलाई को समाप्त हो रहा है. इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने नए राष्ट्रपति के चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है. चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार अगर एक से ज्यादा व्यक्ति ने राष्ट्रपति के पद के लिए नामांकन किया तो नए राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को मतदान होगा और 21 जुलाई को मतों की गिनती की जाएगी.
भाजपा ने शुरू की घेराबंदी
वैसे तो अपने राजनीतिक स्टाइल के मुताबिक, चुनाव की तारीख का ऐलान होने से पहले ही भाजपा ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर घेराबंदी शुरू कर दी थी. देश के वर्तमान राजनीतिक माहौल के हिसाब से देखा जाए तो फिलहाल देश में दो बड़े गठबंधन अस्तित्व में है. जिसमें से एक , भाजपा के नेतृत्व में एनडीए का गठबंधन है जो फिलहाल केंद्र की सत्ता में है तो वहीं दूसरा गठबंधन कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूपीए है. देश के कई राज्यों में सरकार चला रहे कई क्षेत्रीय दल इन दोनों गठबंधनों से अलग रहकर स्वतंत्र तौर पर राजनीति कर रहे हैं.