झारखंड

नीतीश-हेमंत मुलाकात से पड़ी बड़े गठबंधन की नींव

Admin Delhi 1
13 May 2023 9:06 AM GMT
नीतीश-हेमंत मुलाकात से पड़ी बड़े गठबंधन की नींव
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राँची न्यूज़: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम के तहत झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मिले. मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में दोनों नेताओं ने एकसुर में एकजुटता पर हामी भरी. नीतीश कुमार ने कहा कि इतिहास बदलने की कोशिशों व नफरत की सियासत से पूरे देश में विपक्ष एकजुट होकर मुकाबला करेगा.

झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद का पहले से गठबंधन है. नीतीश कुमार की पहल से जदयू समेत तमाम वामपंथी दल गठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं. वामदलों के शीर्ष नेताओं मसलन सीताराम येचुरी, डी राजा और दीपांकर भट्टाचार्य पहले ही विपक्षी एकजुटता की पहल का समर्थन कर चुके हैं. झारखंड में झामुमो और कांग्रेस का भाजपा विरोधी इन दलों से ज्यादा बड़ा जनाधार रहा है. अलग राज्य बनने के बाद राजद का जनाधार सिमटता गया. चुनाव दर चुनाव उसके ग्राफ गिरते रहे. जदयू ने कभी झारखंड में पैर जमाने की बड़ी पहल नहीं की. इसका अपना बड़ा जनाधार अभी तक नहीं है. वामदलों का भी प्रदर्शन उल्लेखनीय नहीं रहा है. हालांकि झारखंड का सामाजिक और सियासी मिजाज समाजवादी और वामदलों के अनुकूल रहा है. ऐसे में ये तमाम दल अगर एकजुट होते हैं तो इनके छोटे-छोटे जनाधार भी एकसाथ जुड़कर बड़ा आकार ले सकते हैं. तब यह एनडीए के लिए बड़ी चुनौती होगी.

अबतक किसी भी दल को नहीं मिला है स्पष्ट बहुमत

झारखंड बनने के बाद अभी-तक किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. 2014 विधानसभा चुनाव में भाजपा को सर्वाधिक 36 और 2019 में झामुमो को सबसे अधिक 30 सीटें मिलीं. सरकार बनाने के लिए 81 सदस्यीय विधानसभा में 42 सीटों की दरकार होती है. झारखंड की सियासत का खास पहलू उलट-पुलट भी है. ताजा उदाहरण बीता लोकसभा और विधानसभा चुनाव है. लोकसभा चुनाव में भाजपा को 11 व उसके सहयोगी दल आजसू को एक सीट मिली. विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन को 46 सीटें मिल गईं और इसने सरकार बना ली. इसलिए भी कांग्रेस, वामदलों समेत समाजवादी क्षेत्रीय दलों का गठबंधन बड़ी चुनौती पेश कर सकता है.

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