झारखंड

झारखंड के सभी प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों के नए पद होंगे सृजित, इन 7 विषयों की होगी नियमित पढ़ाई

Renuka Sahu
27 March 2022 3:22 AM GMT
झारखंड के सभी प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों के नए पद होंगे सृजित, इन 7 विषयों की होगी नियमित पढ़ाई
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फाइल फोटो 

झारखंड के 635 प्लस टू स्कूलों में नए विषयों के शिक्षकों के पद सृजित किए जाएंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड के 635 प्लस टू स्कूलों में नए विषयों के शिक्षकों के पद सृजित किए जाएंगे। 510 प्लस टू स्कूलों में 11 विषयों के शिक्षकों के पद सृजित हैं, जबकि 125 नए प्लस टू स्कूलों में इतने ही शिक्षकों के पद सृजित किए जा रहे हैं। इसके अलावा कई ऐसे विषयों के शिक्षकों के पदों का भी सृजन होगा, जो अब तक नहीं पढ़ाए जा रहे। इनमें राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र हो, मुंडारी, नागपुरी, संथाली, कंप्यूटर साइंस समेत अन्य विषयों के शिक्षकों के पदों के सृजन की प्रक्रिया शामिल होगी। इसके लिए सभी जिलों से स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने रिपोर्ट तलब की है।

जिलों को कहा है कि राज्य के प्लस टू उच्च विद्यालयों में तय मानक के 11 विषयों की पढ़ाई होती है। इसमें हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान, गणित और वाणिज्य के पद सृजित हैं। वहीं, समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, दर्शनशास्त्र, हो, मुंडारी, नागपुरी, संथाली, कंप्यूटर साइंस और अन्य ऐसे विषय जिनका औचित्य है उनके शिक्षकों के पद का सृजन किया जा रहा है। ऐसे में प्लस टू स्कूलों में जिन 11 विषयों की पढ़ाई हो रही है उसके औचित्य के स्पष्ट करना होगा।
नए प्लस टू स्कूलों में 1375 की होनी है भर्ती
राज्य सरकार ने पहले ही 125 हाई स्कूलों को प्लस टू में अपग्रेड किया है। इनमें 11-11 शिक्षकों के पद सृजित होने है, जिसके आधार पर 1375 शिक्षकों के पद सृजित होंगे। 2000 में राज्य में 59 प्लस टू स्कूल थे। 2007 में 171 प्लस टू स्कूलों को अपग्रेड किया गया। वहीं, 2016 में 280 स्कूल उत्क्रमित हुए। जनवरी 2022 में 125 स्कूल प्लस टू बने। 2022-23 के नए शैक्षणिक सत्र से इन नए प्लस टू स्कूलों में 11वीं में नामांकन हो सकेगा। वर्तमान में 510 प्लस टू स्कूलों में 3064 पद खाली हैं।
क्षेत्र के आधार पर भाषा के पदों का होगा सृजन
क्षेत्र के आधार पर जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा के पद सृजित किए जाएंगे। जिन क्षेत्रों में हो, मुंडारी, नागपुरी, संतली बोली जाती है, उन्हीं क्षेत्रों के स्कूलों में उस विषय के शिक्षकों के पद सृजित होंगे। हर प्लस टू स्कूल में एक विषय के कम से कम एक शिक्षक होंगे।
नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या के आधार पर शिक्षकों के ज्यादा पद सृजित किए जाएंगे।
60 हजार पदों के सृजन का मामला है अटका राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में 60 हजार शिक्षकों के पद सृजन का मामला अभी नहीं सुलझ पाया है। पदवर्ग समिति की आपत्ति के बाद उसका निराकरण नहीं हो सका है। सरकार की ओर से पद सृजन की सहमति मिलने के बाद इन पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होनी है।
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