झारखंड

झारखंड में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने की नई पहल, प्रज्ञा केंद्रों पर बिकेंगे डेयरी प्रोडक्ट्स

Deepa Sahu
1 July 2022 6:07 PM GMT
झारखंड में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने की नई पहल, प्रज्ञा केंद्रों पर बिकेंगे डेयरी प्रोडक्ट्स
x
झारखंड में अब दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में पहल की जा रही है.

झारखंड में अब दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में पहल की जा रही है. दूध उत्पादन (Milk Production) के जरिए किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. इसके तहत साहिबगंज जिले में 50,000 लीटर क्षमता वाले डेयरी प्लांट का उद्घाटन किया गया. इसका संचालन झारखंड मिल्क फेडरेशन (JMF) द्वारा किया जाएगा. जेएमएफ ने ही राज्य में दूध की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संथाल परगना क्षेत्र में नए दूध सयंत्र की शुरुआती है. करीब 34 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए इस डेयरी प्लांट का उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि संथाल परगना क्षेत्र में डेयरी प्लांट खुल जाने से इलाके के दुग्ध उत्पादकों के जीवन में काफी परिवर्तन आएगा. उनकी कमाई में बढ़ोतरी होगी.हेमंत सोरेन ने कहा कि इस तरह के प्रयासों से राज्य के किसान (Farmers) भाई आत्मनिर्भर होंगे,तब हमारा राज्य आत्मनिर्भर होगा. इसके साथ ही इस मौके पर उन्होंने दूध उत्पादकों को मानदेय के रूप में झारखंड दुग्ध संघ को 10 करोड़ रुपये का चेक सौंपा. साहिबगंज डेयरी प्लांट के उद्घाटन समारोह में झारखंड मिल्क फेडरेशन और कॉमन सर्विस सेंटर (प्रज्ञा केंद्र) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इसके तहत मेधा डेयरी द्वारा राज्य के डेयरी प्लांटों में प्रसंस्करण दूध और दुग्ध उत्पादों को बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा.


सभी प्रज्ञा केंद्रों पर बिकेंगे दूध उत्पादन
इसी कड़ी में मेधा डेयरी के सभी दुग्ध उत्पाद राज्य के 20 हजार से अधिक कॉमन सर्विस सेंटरों पर उपलब्ध होंगे. इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रज्ञा केंद्र संचालकों को खुदरा प्रमाण पत्र प्रदान किए. इस तरह से राज्य सरकार ने दुग्ध उत्पादों को गांव-गांव उपलब्ध कराने की दिशा में कदम बढ़ाया है.मुख्यमंत्री ने कहा कि साहिबगंज डेयरी प्लांट की वर्तमान प्रसंस्करण क्षमता 50 हजार लीटर प्रतिदिन है. सरकार जल्द ही इसकी क्षमता को एक लाख लीटर और फिर दो लाख लीटर करने के लिए हर संभव सहयोग देगी.किसानों के विकास के लिए बनायी जाएंगी और योजनाएं।
मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज बाजार में अंधाधुंध तरीके से कृत्रिम दूध और दुग्ध उत्पाद बेचे जा रहे हैं जिसका हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. उन्होंने शुद्ध दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता महसूस की, ताकि लोग इसका सेवन करें और स्वस्थ रहें. मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा कि आपके सहयोग से सरकार ने धान खरीदी का रिकॉर्ड बनाया है. अब सरकार ने अपने ही राज्य में इस धान के इस्तेमाल के लिए एक दर्जन से ज्यादा राइस मिलें खोलने की मंजूरी दे दी है. भविष्य में, सरकार किसानों और पशुपालकों के लिए ऐसी कई और योजनाएं लाने की कार्य योजना बना रही है. प्रदेश भर के 6 हाईटेक डेयरी प्लांटों से प्रतिदिन डेढ़ लाख लीटर से अधिक दूध एवं दुग्ध उत्पादों का प्रसंस्करण होगा. झारखंड दुग्ध संघ से अब तक 40 हजार से अधिक दुग्ध उत्पादक एवं एक लाख पशु जुड़ चुके हैं.


Next Story