राँची न्यूज़: रिम्स शासी परिषद (जीबी) के सदस्य सह सांसद संजय सेठ ने भी रिम्स शासी परिषद की ऑनलाइन बैठक का विरोध किया है. सांसद ने स्वास्थ्य मंत्री सह शासी परिषद के अध्यक्ष बन्ना गुप्ता को पत्र लिखा है.
उन्होंने पत्र में कहा कि रिम्स शासी परिषद की 55वीं बैठक से संबंधित पत्र प्राप्त हुआ है. पत्र शासी परिषद की ऑनलाइन (परिचारित) बैठक की सूचना दी गई है. इस विषय पर मेरी पूर्णत असहमति है. कोरोना काल में संक्रमण की भयावह स्थिति में हम आमने-सामने बैठकर रिम्स की बेहतरी की चर्चा कर चुके हैं, तो फिर अभी पत्राचार के माध्यम से बैठक करने का औचित्य ही नहीं है. उन्होंने लिखा है कि इस प्रकार की बैठक के इस निर्णय का विनम्रता पूर्वक विरोध करता हूं.
उन्होंने कहा कि रिम्स की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. ऐसी परिस्थिति में यह आवश्यक है कि हम साथ बैठकर रिम्स की बेहतरी की चर्चा करें. सभी परिस्थितियां सामान्य होने के बावजूद शासी परिषद की बैठक इस प्रकार बुलाना समझ से परे है. यह जनता के हित में भी नहीं है. जनहित में जीबी की ऑफलाइन बैठक रिम्स परिसर में ही आयोजित की जाए.
जीबी के ज्यादातर सदस्य बैठक में सशरीर उपस्थित होते हैं. मुझे नहीं लगता कि किसी भी सदस्य को इस बैठक में आने में कोई समस्या है.
सबसे जरूरी मुद्दा एजेंडा से गायब सदस्य:
रिम्स के विकास को लेकर परिचारित बैठक का सदस्यों ने विरोध किया है. सदस्यों के अनुसार उस बैठक के एजेंडे से रिम्स की व्यवस्था सुधारने का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा ही गायब है. बता दें कि रिम्स की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (संशोधन) विनियमावली 2022 का गठन किया है. इसे लागू किए जाने को लेकर रिम्स की गवर्निंग बॉडी (जीबी) की सहमति जरूरी है. लेकिन, जीबी के एजेंडा में इसे शामिल ही नहीं किया गया है.