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फाइल फोटो
श के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब किसी राज्य सरकार के साथ साझा पारदेशीय छात्रवृत्ति को लेकर मंगलवार को एमओयू किया जाएगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब किसी राज्य सरकार के साथ साझा पारदेशीय छात्रवृत्ति को लेकर मंगलवार को एमओयू किया जाएगा। झारखंड के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभाशाली बच्चों को राज्य सरकार और ब्रिटिश हाई कमीशन द्वारा शेवनिंग मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। यह वैश्विक छात्रवृत्ति योजना खुद में अनूठी है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और ब्रिटिश हाई कमिश्नर एलेक्स एलिस की मौजूदगी में रांची में झारखंड सरकार, विदेश राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ब्रिटिश उच्चायोग, नई दिल्ली के बीच एमओयू किया जाएगा। वर्तमान में झारखंड सरकार द्वारा मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के जरिए यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्थेन आयरलैण्ड के चयनित संस्थानों, विश्वविद्यालयों के सूचीबद्ध पाठ्यक्रम में अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को अध्ययन के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। अब अन्य वर्गों जैसे अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के युवाओं को भी पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना से लाभान्वित किया जाएगा।
10 से बढ़कर संख्या हुई 25
मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना के तहत पूर्व में अधिकतम 10 युवाओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही थी, अब यह संख्या 25 कर दी गई है। राज्य के झारखंड के अनुसूचित जनजाति के अधिकतम 10, अनुसूचित जाति के पांच, अल्पसंख्यक के तीन और पिछड़ा वर्ग से सात प्रतिभावान युवाओं को चयनित किया जायेगा।
एक वर्षीय मास्टर डिग्री के लिए छात्रवृत्ति
शैक्षणिक वर्ष 2023- 24 (जिसके लिए अगस्त 2022 में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं) से यह छात्रवृत्ति शुरू होगी। वर्तमान में यह एमओयू तीन वर्ष के लिए किया जाएगा। ऐसे में छात्रों को शैक्षणिक वर्ष 2023-24, 2024-25 और 2025-26 के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जा सकेगी। शेवनिंग मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति के लिए युवाओं को शैक्षणिक शिक्षण शुल्क के साथ परीक्षा एवं थीसिस शुल्क, एकल छात्र के रहने का खर्च दिया जायेगा।
सीएम ने वैश्विक छात्रवृत्ति का वादा निभाया
पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत सितंबर 2021 में जब चयनित सात छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहे थे, उस समय मुख्यमंत्री ने जल्द अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिभाशाली युवाओं को भी उच्च शिक्षा का अवसर देने का ऐलान किया था। सीएम सोरेन का यह वादा एक साल से कम समय में पूरा हो रहा है।
अधिकतम पांच स्टूडेंट्स का होगा चयन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास से साझा एमओयू के अंतर्गत अधिकतम पांच छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिये यह छात्रवृत्ति योजना शुरू होगी। चयनित विद्यार्थियों की पढ़ाई का पूरा खर्च झारखंड सरकार और विदेश राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय ब्रिटिश उच्चायोग, (एफसीडीओ) द्वारा संयुक्त रूप से उठाया जाएगा।
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