x
डेमो फोटो
धनबाद जिले के निरसा कोयला क्षेत्र से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। बराकर नदी में बोरे में एक हजार से अधिक आधार कार्ड मिले। बोरे में भर एक हजार से अधिक आधार कार्ड को बराकर नदी में बहाकर नष्ट करने की कोशिश की गई। हालांकि नष्ट होने से पहले बोरे में बंद आधार कर्ड मछुआरों को मिल गए। पूरे मामले की सूचना स्थानीय प्रशासन को मिली, तो तुरंत जांच का निर्देश दिया गया है।
एपीएल ओपी क्षेत्र के भागाबांध गांव के समीप बराकर नदी और आसपास से बुधवार की शाम एक हजार की संख्या में आधार कार्ड मछुआरों को मिले। सूचना मिलने पर एमपीएल ओपी प्रभारी गैलेन रजवार पहुंचे और सभी आधार कार्ड को जब्त कर लिया। भागाबांध के कुछ लोगों को आधार कार्ड दे दिया गया। लोग साइबर अपराधियों द्वारा आधार फेंके जाने या पोस्ट ऑफिस कर्मी पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।
मछुआरों ने बताया कि उन्होंने बुधवार की शाम मछली पकड़ने के लिए नदी में जाल फेंका। जाम में एक बोरा फंस गया। किसी तरह बोरे को नदी से निकाल कर खोला, तो देखकर मछुआरे आश्चर्यचकित रह गए। बोरे में एक हजार से अधिक की संख्या में आधार कार्ड मिले। ज्यादातर आधार कार्ड 2014 में बने हुए थे। यह खबर सुनकर काफी लोग जुट गए। भागाबांध के कुछ लोगों को आधार कार्ड दे दिया गया।
बोरे में भरकर आधार कार्ड को नदी में फेंके जाने की मंशा लेकर कई तरह की आशंका व्यक्त की जा रही है। आधार कार्ड के दुरुपयोग को लेकर भी लोग सकते में हैं। प्रथम दृष्टया यही बात सामने आ रही है कि एक हजार से अधिक आधार कार्ड को नष्ट करने के लिए ही नदी में उसे फेंक दिया गया। लोगों का कहना था कि आधार कार्ड बनवाने में कितनी मशक्कत करनी पड़ती है, लेकिन बना हुआ आधार कार्ड लोगों तक पहुंचाने की जगह आसानी से बराकर नदी में फेंक दिया गया। जो बनने के सात या एक माह बाद पोस्ट ऑफिस के माध्यम से लाभुकों को भेजा जाता है। साथ ही ग्रामीणों ने पूरे मामले में अधिकारियों से लापरवाही बरतने वालों को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। आगे ग्रामीणों ने कहा कि आधार कार्ड के बिना कई लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।
निरसा बीडीओ विजय कुमार राय ने कहा, 'भागाबांध में कुछ आधार कार्ड मिलने की सूचना है, यह गंभीर मामला है। मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।'
Next Story