झारखंड

हजारीबाग में 200 से अधिक अर्द्धनिर्मित सरकारी भवन खंडहर बनते जा रहे हैं, सरकार का 1000 करोड़ से अधिक बर्बाद

Renuka Sahu
4 Oct 2022 1:53 AM GMT
More than 200 semi-constructed government buildings are turning into ruins in Hazaribagh, more than 1000 crores of government wasted
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न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

हजारीबाग में 200 से अधिक अर्द्धनिर्मित सरकारी भवन खंडहर बनते जा रहे हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हजारीबाग में 200 से अधिक अर्द्धनिर्मित सरकारी भवन खंडहर बनते जा रहे हैं. सरकार का 1000 करोड़ रूपये से अधिक बर्बाद हो गया. कंक्रीट बन गया. इन भवनों में अब असामाजिक तत्वों का अड्डा है. अपराधियों की बैठकी का स्थान और शराबियों के लिए शराबखाना बना हुआ है. करीब 10 साल पहले 200 से अधिक भवनों का निर्माण शुरु हुआ था. भवन बनाने का काम हजारीबाग का विशेष प्रमंडल के जिम्मे था. भवन आधे-अधूरे बने. निर्माण कार्य बंद क्यों हुआ, यह किसी को नहीं पता. इंजीनियर-ठेकेदार भाग गये. सरकार और उसके अधिकारी भी चुप रह गए.

हजारीबाग के समाजसेवी मनोज गुप्ता ने पूरे मामले को लेकर सरकार से शिकायत की थी. 25 सितंबर 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के जनसंवाद कार्यक्रम में शिकायत दर्ज करायी. मुख्यमंत्री रघुवर दास का ध्यान उन 200 से अधिक अर्द्धनिर्मित भवन की ओर दिलाया. साथ ही दावा किया कि हजारीबाग में 1000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है. तत्कालीन मुख्यमंत्री के आदेश पर जांच शुरु हुई. पर कुछ दिन बाद ही जांच बंद हो गई. इस मुद्दे पर अब ना ही कोई पूछने वाला है, ना कोई बताने वाला. तब के हजारीबाग उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों और अंचलधिकारियों से अर्धनिर्मित सरकारी भवनों का विवरण मांगा था. कुछ ने ब्यौरा दिया, कुछ ने नहीं. उस दौरान कुछ इंजीनियर और अभियंता पर प्राथमिकी भी दर्ज हुई. उसके आगे की कार्रवाई अपने आप रुक गया.

आज की स्थिति यह है कि आधे-अधूरे खंडहरनुमा सरकारी भवन को असामाजिक तत्व कब्जाने लगे हैं. कुछ भवनों में दफ्तर भी चलाया जा रहा है. तो कई ऐसे भवन हैं, जो अपराधियों का आश्रय स्थली बन गया है. जहां अपराधी रात में जमा होते हैं और फिर शहर के विभिन्न इलाकों में घटना को अंजाम देते हैं.
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