झारखंड

राशन वितरण पर निगरानी, अनाज ढुलाई के दौरान राशन की हेराफेरी करने वालों पर कसेगा शिकंजा

Renuka Sahu
3 Oct 2022 2:53 AM GMT
Monitoring of ration distribution, will tighten the screws on those who misappropriate ration during grain transportation
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न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

प्रदेश में राशन वितरण में होने वाली गड़बड़ी पर नजर रखने के लिए सरकार की ओर से अब जीपीएस सिस्टम का सहारा लेने की तैयारी की जा रही है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश में राशन वितरण में होने वाली गड़बड़ी पर नजर रखने के लिए सरकार की ओर से अब जीपीएस सिस्टम का सहारा लेने की तैयारी की जा रही है. पीडीएस दुकानदारों एवं लाभार्थियों को कम राशन मिलने की शिकायत के बाद सरकार की ओर से नई व्यवस्था लागू की जा रही है. जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से सरकारी गोदामों और दूसरे सेंटरों से अनाज का उठाव करने वाली गाड़ियों पर नजर रखी जाएगी. राशन ढोने वाली गाड़ियों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगेगा. इसके लिए स्टेट फूड एंड सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन लिमिटेड में एक कमांड और कंट्रोल रूम स्थापित करने की योजना पर काम किया जा रहा है. इसके जरिये इन गाड़ियों के मूवमेंट पर सरकार की नजर रहेगी. सरकार की ओर से जीपीएस आधारित वाहन ट्रैकिंग सिस्टम और कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना के टेंडर जारी किया गया है.

राज्य में प्रायोरिटी हाउसहोल्ड राशन कार्ड (पीएचएच) – 5112 307
पीएचएच कार्ड में परिवार के सदस्य – 22906422
अंत्योदय राशन कार्ड – 896614
अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवार में सदस्य – 3519024
सफेद राशन कार्ड – 372792
सफेद राशन कार्डधारी परिवार में सदस्य – 1404506
ग्रीन राशन कार्ड – 461292
ग्रीन राशन कार्डधारी परिवार में सदस्य – 1478083
सितंबर में किया गया राशन वितरण (क्विंटल में)
चावल 910686
गेहूं 223344
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत वितरण (क्विंटल में)
चावल 80686
गेहूं 27853
नमक 1292
राज्य में डीलरों की संख्या 25093
राशन वितरण में उपायुक्त की भूमिका
झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड द्वारा उठाए गए राशन गोदाम से जन वितरण प्रणाली के सभी दुकानों तक उचित मात्रा में पहुंच को सुनिश्चित करना
कैसे होता है राशन का वितरण
भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के गोदामों (जो राज्य के सभी जिले और प्रखंड में हैं) में लाया जाता है. इसके उपरांत डीलरों तक पहुंचाई जाती है. इस कार्य को करने के लिए जिले में टेंडर के माध्यम से संवेदक नियुक्त किए जाते हैं. वह अपने वाहनों से डीलर तक राशन पहुंचाते हैं. अब उन वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगेगा.
कहां की जाती है हेराफेरी
गोदामों से उठाए गए राशन को रास्ते में ही बोम्बां के माध्यम से सभी बोरों से 5 से 10 किलो राशन निकाल लिया जाता है. फिर पानी डालकर उसे वजन के समतुल्य कर दिया जाता है.
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