जमशेदपुर न्यूज़: सबरों की स्वास्थ्य जांच में लापरवाही बरतने वाले डुमरिया के प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी (एमओआईसी) को डीसी विजया जाधव ने शोकॉज किया. उन्होंने कहा कि दंपाबेड़ा गांव में सबरों के लिए कैंप लगाने के प्रति एमओआईसी उदासीन रहें. इस कारण टुना सबर और उसकी पत्नी सुमी का हालत बिगड़ी. डीसी ने दो दिन में एमओआईसी से जबाव मांगा है.
इसके अलावा सभी बीडीओ एवं सीओ को प्रत्येक पंचायत के सबर टोला में कुल सबर परिवारों की संख्या, स्त्रत्त्ी-पुरूष एवं बच्चों की संख्या, प्रखंड मुख्यालय से उसकी दूरी, पंचायतवार एवं टोलावार मैंपिंग करते हुए 10 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. डीसी ने बताया कि जिले में रहने वाले 5259 सबर परिवारों तक प्रशासन की पहुंच सुनिश्चित करने तथा योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए वरीय प्रभारी को क्षेत्र भ्रमण में विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है. शत-प्रतिशत सबर परिवारों को राशन मिले, इसे भी सुनिश्चित करने को कहा गया है.
13 फरवरी तक सबर परिवारों के बीच विशेष कैंप लगाकर हेल्थ चेकअप की जाएगी. चार प्रखंडों में आयोजित कैंप में अबतक बिरसा आवास के 30 आवेदन, मनरेगा जॉब कार्ड के लिए 16 आवेदन, शौचालय के लिए 32 आवेदन प्राप्त हुए है. इस दौरान 23 का आयुष्मान कार्ड बनाया गया है. राशनकार्ड के लिए 12 आवेदन आए. पेंशन के 10, नया आधार के 5, आधार में सुधार के 8, बैंक पासबुक के 5, नियोजनालय को 11, केसीसी के 3, स्प्रे मशीन के 2, बकरा विकास के 2, श्रम विभाग के 12 आवेदन प्राप्त हुए हैं.
वहीं 366 सबरों की सामान्य स्वास्थ्य जांच कर दवा उपलब्ध करायी गयी है.
पहाड़ के नीचे बना है आवास, लेकिन नहीं रहते हैं सबर
दंपाबेड़ा के सबर परिवारों के लिए भी पहाड़ के नीचे बिरसा आवास का निर्माण कराया गया है, लेकिन इसमें नहीं रहते हैं. प्रशासन द्वारा उन्हें आवास में रहने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाता रहा है. डुमरिया के फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत अंतर्गत दंपाबेड़ा जंगल में पहाड़ी पर बसे सबरों का गांव हैं, जहां पहाड़ पर करीब 2-3 किमी पैदल चढ़कर पहुंचा जाता है. सभी सबर परिवारों को डाकिया योजना के तहत घर-घर प्रत्येक माह खाद्यान्न पहुंचाया जाता है.