सीएम के समक्ष विधायक उठायेंगे आयुष्मान से इलाज न होने का मुद्दा
जमशेदपुर न्यूज़: आयुष्मान कार्ड से निजी अस्पतालों में इलाज और ऑपरेशन नहीं होने के मामला अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरने तक पहुंचेगा. पोटका के विधायक संजीव सरदार ने इस मामले को सीएम के समक्ष उठाने के साथ ही स्वास्थ्य मंत्री से भी शिकायत करने की बात कही है. विधायक ने सिविल सर्जन से इस बारे में पूरी जानकारी ली. आयुष्मान ने शहर के तीन निजी
सिविल सर्जन ने विधायक को तीन निजी अस्पतालों व अन्य नर्सिंग होम का करीब 11 करोड़ रुपये बकाया होने की जानकारी दी. इससे विधायक ने सिविल सर्जन से एक-दो दिनों में अन्य निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम की बकाया राशि की जानकारी उपलब्ध कराने को है. सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मचारी आयुष्मान में निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के बकाया की सूची तैयार करने में जुट गये हैं.
विधायक के अनुसार सरकार ने कम आय वाले परिवार को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था देने के लिए आयुष्मान योजना शुरू की है, जिसका लाभ गरीबों को समय पर मिलना ही चाहिए. सिविल सर्जन ने विधायक को बताया कि निजी अस्पतालों की बकाया राशि भुगतान को लेकर मुख्यालय में पत्र भेजा गया है. बागबेड़ा के पंसस सुनील गुप्ता द्वारा सिविल सर्जन के समक्ष कॉलोनी की मोतीझारी देवी व अशोक शर्मा का निजी अस्पतालों में आयुष्मान से ऑपरेशन नहीं होने का मुद्दा उठाया गया था.
प्रावधान से क्लेम नहीं करने से दिक्कत सीएस
सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी ने कहा आयुष्मान से इलाज की रकम बकाया होने में निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम की भी लापरवाही है. किसी ने भी बकाया रकम का क्लेम राज्य सरकार की प्रावधान के अनुरुप नहीं किया. इससे भी आयुष्मान के भुगतान में कई बार विलंब हुआ है. सिविल सर्जन ने दावा किया कि आयुष्मान से निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम में इलाज पूरी तरह से बंद नहीं है. निजी अस्पताल व नर्सिंग होम कम खर्च वाला इलाज कर रहे हैं. बतौर सीएस ब्रह्मानंद, मेडिट्रिना व मर्सी अस्पताल का ज्यादा बकाया है लेकिन मर्सी अस्पताल अभी मरीजों को भर्ती कर रहा है.