झारखंड
झारखंड में मंत्रीआलमगीर आलम ने दी जानकारी, कहा- जल्द होंगी मैनहर्ट घोटाला मामले में एफआईआर
Renuka Sahu
22 March 2022 3:30 AM GMT
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फाइल फोटो
झारखंड के रांची में सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण में अनियमितता मामले में चल रही जांच में शिथिलता का मामला झारखंड विधानसभा में उठा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड के रांची में सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण में अनियमितता मामले में चल रही जांच में शिथिलता का मामला झारखंड विधानसभा में उठा। विधायक सरयू राय ने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से कहा कि मैनहर्ट मामले की एसीबी की जांच चल रही है, लेकिन अबतक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मैनहर्ट मामले की जांच चल रही है। सभी आरोपियों को नोटिस दिया जाएगा और जवाब मांगा जाएगा। सभी का जवाब आने के बाद ही प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। आलम ने कहा कि अब तक दो-तीन लोगों ने ही जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि घोटाले में एक नहीं कई लोग शामिल हैं। सभी चीजों की एक-एक कर जांच होती है और इसमें समय लगता है। आरोपियों को जवाब देने को कहा गया है। वे फाइल की मांग करते हैं। ऐसे में उन्हें स्पष्ट कहा गया है कि वे एसीबी में आकर फाइल देख लें और जवाब दे दें। विधायक सरयू राय ने पूछा कि अगर आरोपी जवाब नहीं देंगे तो क्या सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी। एक साल से मामला एसीबी में लंबित है। इस पर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि दो माह के भीतर सभी आरोपियों से जवाब लेकर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
न्यायिक हिरासत में मौत पर मजिस्ट्रेट जांच, मिलेगा मुआवजा :
न्यायिक हिरासत में किसी की मौत पर उस मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी और मृतक के आश्रितों को मुआवजा दिया जाएगा। सदन में संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने इसका आश्वासन दिया। वे विधायक प्रदीप यादव के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि 2018-19 में 18 लोगों की न्यायिक हिसासत में मौत हुई, जिनके आश्रितों को 20 लाख का मुआवजा दिया गया। वहीं, 2019-20 में 13 की मृत्यु हुई और 23 लाख का मुआवजा दिया गया, जबकि 2020-21 में 21 की मृत्यु हुई और 17 लाख का मुआवजा दिया गया।
पुरानी पेंशन लागू करने में लगेगा समय : डॉ उरांव
विधायक लंबोदर महतो और विनोद सिंह के अल्पसूचित प्रश्न पर वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम भारत सरकार की देन है। केंद्र ने इसे एक जनवरी 2004 से लागू किया, जबकि झारखंड में यह एक दिसंबर 2004 से लागू हुआ। प. बंगाल को छोड़कर दूसरे राज्यों ने भी इसे एडॉप्ट किया। जब विधानसभा में ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि सभी पहलुओं पर विचार कर समुचित निर्णय लिया जाएगा तो इससे स्पष्ट है कि सरकार की मंशा में इस दिशा में सकारात्मक है। अब जब दूसरे राज्य पुरानी पेंशन स्कीम को लागू कर रहे हैं तो अचानक तो नहीं हो जाएगा। जब लागू करने में समय लगा तो हटाने में भी समय लगेगा।
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