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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके नाम पर खनन पट्टा आवंटन मामले में झारखंड उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका (पीआईएल) को अपने राजनीतिक विरोधियों का षड्यंत्र बताया है
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके नाम पर खनन पट्टा आवंटन मामले में झारखंड उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका (पीआईएल) को अपने राजनीतिक विरोधियों का षड्यंत्र बताया है। सोरेन ने कहा कि यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है, जबकि इसमें मुख्यमंत्री पद के दुरुपयोग का कोई मामला नहीं बनता।
हालांकि, झारखंड उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति एसएन प्रसाद की की पीठ के आज उपलब्ध नहीं होने के कारण मामले में पूर्वनिर्धारित आज की सुनवाई स्थगित हो गयी और अब इस मामले में सुनवाई अगले सप्ताह होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री सोरेन ने उच्च न्यायालय में दाखिल अपने जवाब में आरोप लगाया है कि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंड पीठ के समक्ष उनके खिलाफ रांची के अनगड़ा में पत्थर की खदान के लीज आवंटन मामले में दाखिल जनहित याचिका तथ्य से परे है और सिर्फ उन्हें बदनाम करने की उनके राजनीतिक विरोधियों की साजिश है।
सोरेन ने अपने जवाब में इस पीआईएल को जनहित याचिका की व्यवस्था का दुरुपयोग बताते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ सख्ती का भी अदालत से अनुरोध किया है।
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