झारखंड
रोजाना बालू चोरी कर की जा रही है लाखों की हेराफेरी, गुड़ाबांदा प्रखंड में अब माफिया राज
Renuka Sahu
2 Sep 2022 4:25 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in
ओडिशा सीमा से सटे नक्सल मुक्त गुड़ाबांदा प्रखंड में अब माफिया राज कायम हो गया है. यहां माफियाओं की सरकार चल रही है. र
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ओडिशा सीमा से सटे नक्सल मुक्त गुड़ाबांदा प्रखंड में अब माफिया राज कायम हो गया है. यहां माफियाओं की सरकार चल रही है. रेत माफिया स्वर्णरेखा नदी का चीरहरण कर रहे हैं. रोजाना बालू चोरी कर लाखों की हेराफेरी हो रही है. वहीं, 28 अगस्त को लगातार न्यूज में केंदुआपाल घाट से बालू की लूट की खबर छपी तो प्रशासन ने स्वर्णरेखा के किनारे इस घाट के रास्ते को जेसीबी से कटवा दिया. इसके बाद रेत माफियाओं ने स्वर्गछिड़ा घाट को बालू लूट का नया ठिकाना बना लिया. दिन-रात ट्रैक्टरों द्वारा नदी से बालू का परिवहन कर भंडारण किया जा रहा है और रात में ही हाईवा से डुमरिया, मुसाबनी के रास्ते जमशेदपुर ले जाया जा रहा है.
बालू लूट के इस खेल में लोगों को प्रशासन पर भी संदेह
माकड़ी के पास अवैध बालू का भंडारण सहज ही देखा जा सकता है. बालू लूट के इस खेल में प्रशासन को भी लोग संदेह की नजरों से देख रहे हैं. क्योंकि अवैध बालू से लदे हाईवा गुड़ाबांदा, डुमरिया और मुसाबनी थाना से सटी सड़क से गुजरते हैं. एनजीटी की रोक के बावजूद स्वर्णरेखा नदी से इतनी बृहत मात्रा में बालू की चोरी हो रही है. लेकिन प्रशासन द्वारा अवैध बालू से लदे एक भी हाईवा या फिर डंपर के पकड़े जाने की सूचना नहीं है. बालू के अवैध भंडार को भी प्रशासन द्वारा जब्त नहीं किया जा रहा है.
चोरी किए गए बालू को भेजा जा रहा है बंगाल और ओडिशा
उल्लेखनीय हो कि गुड़ाबांदा प्रखंड अवैध बालू का अंतर प्रांतीय ठिकाना बन गया है. यहां से चोरी किए गए बालू को बंगाल और ओडिशा में भी भेजा जा रहा है. ग्रामीणों के मुताबिक स्वर्गछिड़ा घाट से सुबह में ट्रैक्टर द्वारा बालू का परिवहन शुरू हो जाता है. ट्रैक्टरों पर लगे बालू को माकड़ी के पास भंडारण किया जाता है और रात में हाईवा से जमशेदपुर समेत अन्य जगहों पर ले जाया जाता है. इधर, चाकुलिया प्रखंड अंतर्गत श्यामसुंदरपुर थाना क्षेत्र स्थित चंदनपुर स्वर्णरेखा नदी घाट से भी बड़े पैमाने पर दिन-रात बालू की लूट हो रही है. ट्रैक्टरों और हाईवा से खुलेआम श्यामसुंदरपुर थाना सटी सड़क और राष्ट्रीय उच्च पद संख्या-18 से बालू को ढोया जा रहा है. बावजूद प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है.
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