झारखंड

सीटी स्कैन के लिए एमजीएम ने चौथी बार निकाला टेंडर

Admin Delhi 1
10 Jun 2023 6:26 AM GMT
सीटी स्कैन के लिए एमजीएम ने चौथी बार निकाला टेंडर
x

जमशेदपुर न्यूज़: एमजीएम अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन की खरीदारी के लिए एक साल में चौथी बार टेंडर निकाला गया है. पिछले तीन टेंडर में एक भी एजेंसी ने भाग नहीं लिया. इस कारण पुन टेंडर का प्रकाशन हुआ है, जो 4 जुलाई को खुलेगा. इससे पहले फरवरी 2023 में टेंडर निकाला गया था, जो 16 फरवरी को खुला था. इसमें मात्र एक एजेंसी ने भाग लिया था. इस कारण वह स्वत खारिज हो गया.

ट्रंकी बेसिस मशीन और एक्सेसरीज की होनी है खरीदारी एमजीएम में ट्रंकी बेसिस सीटी स्कैन मशीन और एक्सेसरीज की खरीदारी होनी है. हर बार इसका टेंडर निकाला जाता है. इसमें मशीन इंस्टॉलेशन के साथ-साथ उसकी वायरिंग, रे-प्रोटेक्शन दरवाजा, डॉक्टर और कर्मचारियों के लिए जरूरी संसाधन शामिल हैं. जबकि टेंडर डालने वाली एजेंसी सिर्फ मशीन की आपूर्ति करना चाहती है. इस कारण एक-दो एजेंसी ही भाग लेती है.

तीन साल से खराब है सीटी स्कैन मशीन तीन साल से एमजीएम अस्पताल का सीटी स्कैन मशीन खराब है. इसे ठीक कराने में काफी खर्च लगेगा, इस कारण विभाग ने नई मशीन की खरीदारी का टेंडर निकाला है. मशीन की कीमत करीब डेढ़ करोड़ है. एमजीएम अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन खराब होने से मरीजों को 1600 रुपये देकर प्राइवेट सेंटर में जांच करानी पड़ती है. जबकि अस्पताल में जब सीटी स्कैन मशीन चालू थी तो उस समय मात्र 600 में जांच हो जाती थी.

मरीजों की कट रही जेबपोटका निवासी 73 वर्षीय धनपति सरदार एमजीएम अस्पताल में भर्ती हैं. वे बार-बार बेहोश हो जा रहे हैं. परिजनों ने बताया कि एमजीएम में सीटी स्कैन की व्यवस्था नहीं रहने पर पीपीपी मोड में संचालित केंद्र में 900 रुपये खर्च करना पड़ा.

चाकुलिया की गुरुबारी हेम्ब्रम ने बताया कि उनके पति एमजीएम में भर्ती हैं. फोटो और सीटी स्कैन कराने में एक हजार रुपये खर्च करना पड़ा. एमजीएम में रोज 15 मरीजों का सीटी स्कैन होता है, लेकिन फिलहाल मशीन खराब है. इसके कारण इन मरीजों को बाहर जांच करानी पड़ रही है. एमजीएम में दो तरह की सीटी स्कैन की व्यवस्था है. सिर का सीटी स्कैन कराने पर 800 रुपये लगते हैं. जबकि पेट का सिटी स्कैन कराने पर तीन हजार लगते हैं. जबकि निजी सेंटरों में सिर व पेट का सिटी स्कैन कराने पर सीधे दोगुनी राशि लगती है. लेकिन मशीन खराब होने से सरकार को राजस्व को भी नुकसान हो रहा है. लेकिन नई मशीन की खरीदारी के बाद मरीजों को काफी सहूलियत होगी.

Next Story