धनबाद न्यूज़: मटकुरिया गोलीकांड में एमपी-एमएलए के लिए गठित विशेष न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई हुई. अपर लोक अभियोजक कुलदीप शर्मा ने एसीबी के डीएसपी माधवराम भार्गव को गवाही के पेश किया. कहा कि मन्नान मल्लिक के उकसाने पर भीड़ उत्तेजित हुई थी.
डीएसपी ने कहा कि घटना के वक्त वे धनबाद थाने में इंस्पेक्टर थे. वे मटकुरिया चेकपोस्ट पर पुलिस बल के साथ तैनात थे. एसडीओ ने भीड़ को तितर-बितर करने का आदेश दिया. जब भीड़ ने बात नहीं मानी, तो वाटर केनन से पानी की बौछार की गई, जिससे भीड़ और हिंसक हो गई. हिंसक भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया, जिसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए. वाटर केनन क्षतिग्रस्त हो गया. उसी समय एसपी आरके धान पहुंच गए. पत्थरबाजी में एसपी भी जख्मी हो गए और मैं भी जख्मी हो गया. मेरी कमर में चोट लगी. भीड़ में से कुछ लोग पिस्तौल से फायरिंग कर रहे थे. इसके बाद पुलिस ने भी 10 राउंड फायरिंग की. भीड़ का नेतृत्व मन्नान मलिक और नीरज सिंह कर रहे थे. मन्नान मलिक सड़क पर सो गए और उत्तेजित भाषण देने लगे. इसके बाद भीड़ और हिंसक हो गई. मन्नान मल्लिक व नीरज सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया. भीड़ ने चेकपोस्ट के पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की थी. बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता समर श्रीवास्तव, आयुष श्रीवास्तव, सिद्धार्थ शर्मा ने प्रतिपरीक्षण किया. अदालत ने अभियोजन को गवाह पेश करने का आदेश दिया है. मालूम हो कि मटकुरिया में 27 अप्रैल-2011 को बीसीसीएल के आवासों को अतिक्रमण मुक्त कराने गए पुलिस बल के साथ आंदोलनकारियों की हिंसक झड़प हुई थी. घटना में तत्कालीन एसपी जख्मी हो गए थे. वहीं विकास सिंह समेत चार लोगों की मौत हुई थी. तत्कालीन एसडीओ जॉर्ज कुमार के प्रतिवेदन पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी. पुलिस ने 38 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था.