जमशेदपुर न्यूज़: मार्च सिर पर है, पर ट्रेजरी में कोई सरगर्मी नहीं है. मंथर गति से पहले की तरह काम हो रहा है. यह स्थिति सरकारी राशि के भुगतान में ट्रेजरी की भूमिका दिनोंदिन सीमित होने के कारण दिख रही है. इस साल 15वें वित्त आयोग की राशि की निकासी ट्रेजरी से बंद हो गई. केवल 15वें वित्त आयोग की राशि ही नहीं, लगभग सभी केन्द्रीय निधि की निकासी भी अब सीधे पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) से हो रही है.
जो राज्य सरकार के इंजीनियरिंग विभाग हैं, जिन्हें कार्य विभाग कहा जाता है, उनका भुगतान भी इसी प्रकार होने लगा है. इनमें पथ निर्माण, भवन निर्माण, ग्रामीण कार्य, ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल और कृषि विभाग इनमें शामिल हैं. इस साल निकायों को 15वें वित्त आयोग से करीब 200 करोड़ का आवंटन मिला है. इनमें से होने वाली निकासी भी ट्रेजरी के माध्यम से नहीं हुई है. भुगतान में इन बदलावों की वजह से अब ट्रेजरी में कोई भीड़ नहीं दिखती. अन्यथा मार्च शुरू होने के पहले फरवरी के अंत में ट्रेजरी गुलजार रहता था. अब तो ट्रेजरी में भीड़ लगता है भूतकाल की बात हो चुकी है.
एक मार्च से स्वत लग जाएगा 15 का बंधेज
ट्रेजरी से योजनाओं की राशि की निकासी के मामले में एक मार्च से 15 प्रतिशत का बंधेज लग जाएगा. अर्थात संबंधित योजना के लिए आवंटित कुल राशि के मात्र 15 प्रतिशत का ही मार्च में भुगतान होगा. अधिक भुगतान के लिए विभागीय सचिव की अनुशंसा लानी पड़ती है. हालांकि 2015 से लागू इस स्थायी कार्यादेश में बस गिनती के दिन बचने के बावजूद भुगतान के लिए कोई बड़ा बिल पेश नहीं किया गया है.