रांची: राजधानी रांची के एटीएम में डाले जाने वाले राशि को गायब करने वाले आरोपियों की तलाश जारी है. आरोपियों ने एटीएम में डाले गए 1 करोड़ 81 लाख 80 हजार 900 रुपये गायब कर लिए हैं. अब तक की जांच में रांची पुलिस को कई अहम जानकारी हासिल हुई है. पूरे मामले के उद्भेदन के लिए रांची एसएसपी ने एक एसआईटी का भी गठन किया है. एसआईटी की टीम आरोपियों की तलाश में झारखंड से बाहर भी छापेमारी कर रही है.
अब तक की जांच में क्या मिला: पुलिस को अपनी जांच में पता चला है कि आरोपी अमित कुमार मांझी और सुभाष चेन ने रूट एक के 17 एटीएम से दो करोड़ रुपए की निकासी की है. बताया जा रहा है कि आरोपियों को शहर के रूट संख्या एक के 36 एटीएम में राशि डालने की जिम्मेवारी दी गई थी. सीएमएस कंपनी ने दोनों आरोपियों को 36 एटीएम में राशि डालने के लिए कस्टोडियन बनाया था. इन्हें हर एटीएम का पासवर्ड दिया गया था, ताकि वे राशि डाल सके. इन दोनों आरोपियों ने 11 से 13 जुलाई के बीच सभी एटीएम में राशि डालने का काम भी किया था लेकिन, 13 जुलाई की रात को ही आरोपियों ने 17 एटीएम से पासवर्ड के जरीए डाली गई राशि निकाल ली और उसी रात दोनों अपना मोबाइल ऑफ कर फरार हो गए. कंपनी के अधिकारियों को आरोपियों के फरार होने की जानकारी तब हुई, जब अधिकारी आरोपियों के घर पहुंचे. जिसके बाद से रांची पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई.
अब तक 17 एटीएम में मिली गड़बड़ी: पुलिस ने बताया कि गबन की जानकारी मिलने के बाद कंपनी के अधिकारियों ने 32 एटीएम का ऑडिट किया. शेष चार एटीएम का ऑडिट होने बाकी है. अब तक की जांच में पता चला कि 17 एटीएम में ही गड़बड़ी मिली है. शेष 15 एटीएम से आरोपियों ने राशि की निकासी नहीं की है. कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि शेष चार एटीएम की जांच के बाद गबन की राशि बढ़ सकती है.
रविवार को अरगोड़ा थाना में दर्ज हुई प्राथमिकी: सीएमएस इंफो सिस्टम्स लिमिटेड कंपनी के रिजनल ऑपरेशन मैनेजर इंद्रनील सेन ने अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. पहले यह आवेदन रांची के कोतवाली थाना में दिया गया था लेकिन मामला अड़गोड़ा का है इसलिए अरगोड़ा थाना में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर में रांची के ब्रांच मैनेजर अभिजीत कुमार पांडेय, कस्टोडियन अमित कुमार मांझी और सुभाष चेन पर 1 करोड़ 81 लाख 80 हजार 900 रुपए एटीएम से गबन करने का आरोप लगाया गया है.
ब्रांच मैनेजर की मिलीभगत का आरोप: आरोपियों पर धारा 408, 490, 379, 34-120बी के तहत केस दर्ज किया गया है. रीजनल मैनेजर ने आवेदन में कहा है कि कंपनी सरकारी और गैर सरकारी बैंको से राशि प्राप्त कर विभिन्न एटीएम में डालने का काम करती है. रांची के 36 एटीएम में अमित कुमार मांझी और सुभाष चेन को राशि डालने के लिए कस्टोडियन बनाया गया था, जब दोनों बीते 14 जुलाई को कार्यालय नहीं पहुंचे. तब कंपनी ने 11 से 13 जुलाई तक की ऑडिट की. जिसमें एक करोड़ 81 लाख 80 हजार 900 रुपए का हिसाब नहीं मिला. इससे स्पष्ट है कि दोनों आरोपी यह राशि लेकर भाग गए हैं. आवेदन में यह भी आरोप लगाया गया है कि इन दोनों आरोपियों ने ब्रांच मैनेजर की मिलीभगत से इस वारदात को अंजाम दिया है.