चतरा: झारखंड के चतरा जिले के सिमरिया प्रखण्ड स्थित केवटा गांव में एक लाचार विधवा महिला ने शौचालय को ही अपना आशियाना बना लिया है। विधवा महिला इसी में रह कर अपना जीवन - गुजर बसर कर रही है। यह महिला है मसोमात यानी विधवा जमनी देवी, पति स्व. मोहर भुइंया! बताते हैं कि यह महिला तकरीबन एक वर्ष से इसी शौचालय में अपना जीवन- यापन कर रही है। मसोमात जमनी अपनी भाषा में कहती है कि 'का करिये बाबू हमर जैसन गरीब के कौन घर दतई। कैसोहो यही सरकारवा के देल घरवा में रहै थिये। 20 हजार रुपैवा हमर जगन हैये ना है तो कैसे हमरा घरवा मिलतै।'
'20 हजार रुपये नहीं तो घर कैसे मिलेगा'
दरअसल जमनी अपनी भाषा में दुखड़ा बताते हुए कहती है 'क्या करें हमारे पास तो 20 हजार रुपया है नहीं, तो हमें घर कैसे मिलेगा। यही शौचालय के बाहर अपना खाना बना कर रात्रि को इसी शौचालय में सो जाती हूं। पानी नहीं पड़ने पर बाहर सो जाती हूं।'
जमनी देवी को नसीब नहीं पीएम आवास योजना में घर
गौरतलब है कि सरकार की ओर से गरीबों को रहने व शौच के लिए पीएम आवास योजना में घर तथा शौचालय दिए जाने का प्रावधान हमेशा सुर्ख़ियों में रहा है। लेकिन यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि जमनी देवी को वो भी नसीब नहीं हुआ है। गांवों में एनजीओ के माध्यम से बनाए गए शौचालयों का दृश्य देख खुद शौचालय के साथ-साथ लोग शरमा जा रहे हैं। इधर जितने भी इलाके में शौचालय निर्माण किया जा रहा है, उसमें समुचित तरीके से कुल 12 हजार की लागत से शौचालय निर्माण करना है