झारखंड

हेमंत सोरेन के गृह विधानसभा क्षेत्र में जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी योजना में लूट

Tara Tandi
22 Aug 2023 9:20 AM GMT
हेमंत सोरेन के गृह विधानसभा क्षेत्र में जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी योजना में लूट
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सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह विधानसभा क्षेत्र में आने वाले साहिबगंज जिले में इन-दिनों जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी योजनाओं के काम में लूट का खेल चल रहा है. वहीं, साहिबगंज जिले के भ्रष्ट अधिकारियों की कुकर्मों की सजा पहाड़िया ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है. जब न्यूज़ स्टेट बिहार-झारखंड की टीम ने जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर पथरीले रास्ते पर चलकर गांव की जांच पड़ताल की तो प्रदेश सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों की पोल खुल गई. वहीं, आपको बता दें कि प्रदेश में विलुप्त होती झारखंड सरकार की संरक्षित जनजातीय समुदाय यानी कि पहाड़ों पर निवास करने वाले पहाड़िया समुदाय के लोग आजादी के 77 वर्ष बीत जाने के बाद भी झरने का दूषित पानी और बांस-बल्ले से बनाये हुए लकड़ी की झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं.
सरकारी योजनाओं में लूट का खेल
जब न्यूज़ स्टेट बिहार-झारखंड की टीम ने साहिबगंज जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर पथरीले सड़कों पर चलकर ताल झारी प्रखंड पर स्थित सालगाछी पंचायत के छविटोक पहाड़, मासबेड़ा पहाड़ व भतभंगा पंचायत के बुतरी पहाड़ व बाकूडी, बड़ादुर्गा पुर और मोतीझरना पंचायत के कई गांवों का दौरा किया, तो प्रदेश सरकार के विकास के दावे और जिम्मेदार अधिकारियों की लाहपरवाही सामने आ गई.
न्यूज़ स्टेट बिहार झारखंड की टीम ने की बड़ी जांच पड़ताल
जिले में जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से धरातल पर सरकारी योजनाओं की कार्य में लूट का खेल चल रहा है. वहीं, लाभार्थी लाभुकों ने जो खुलासे किए हैं, वह सुनकर जिला प्रशासन के होश ठिकाने आ गए. वहीं, लाभुको ने न्यूज़ स्टेट पर खुलासा करते हुए बताया कि तीन वर्ष से उनके नाम से स्वीकृत हुए बिरसा मुंडा आवास योजना का कार्य अधूरा है? दर्जनों लाभुकों ने यह भी बताया है कि उनके आवास के नाम का सारा पैसा जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से कोई बबलू नामक ठेकेदार डकार गए हैं. दरअसल, छविटोक पहाड़ और मासबेड़ा पहाड़ के लाभुकों का जिम्मेदार अधिकारियों पर आरोप है कि वह पिछले तीन वर्ष से सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं, ताकि उनके बिरसा मुंडा आवास योजना का कार्य पूरा हो जाए. वहीं, अब सभी गांवों के लाभुकों ने यह निर्णय लिया है कि यदि उनके आवास का कार्य जल्द से जल्द पूरा नहीं करते हैं, तो वह स्थानीय प्रखंड मुख्यालय का घेराव करेंगे.
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