झारखंड

इमरजेंसी वार्ड के शौचालय में लटका ताला, मरीजों को रही दिक्कत

Shantanu Roy
22 Nov 2021 6:54 AM GMT
इमरजेंसी वार्ड के शौचालय में लटका ताला, मरीजों को रही दिक्कत
x
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ओडीएफ को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इस योजना को राज्य सरकार भी तत्परता से पूरा करने में जुटी है.

जनता से रिश्ता। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ओडीएफ को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इस योजना को राज्य सरकार भी तत्परता से पूरा करने में जुटी है. इस स्थिति में सरकार के नाक के नीचे रांची सदर अस्पताल में शौचालय और यूरिनल की कुव्यवस्था हो, तो क्या कहिएगा.

मरीजों की संख्या को देखते हुए रांची सदर अस्पताल की बिल्डिंग को बहुमंजिला बनाया गया और अत्याधुनिक मेडिकल उपकरणों से लैस किया गया, ताकि मरीजों को इलाज कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो. अस्पताल के प्रत्येक वार्ड में शौचालय और यूरिनल भी बनाया गया, ताकि मरीजों को शौच के लिए भटकना नहीं पड़े. लेकिन, इमरजेंसी वार्ड के शौचालय में ताला लटका रहता है. इससे वार्ड में भर्ती मरीजों के साथ-साथ परिजनों को इस वार्ड से उस वार्ड भटकने को मजबूर होना पड़ता है.
दूसरे वार्ड के शौचालय में जाने को मजबूर
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मुकुल राम डायरिया से पीड़ित है. डायरिया की वजह से उन्हें लगातार शौच जाना पड़ रहा है, लेकिन शौचालय में नर्स ने ताला लगा दिया है. इससे उन्हें बार-बार दूसरे वार्ड के शौचालय में जाना पड़ रहा है. मरीज अबीना खातून कहती है कि 24 घंटे शौचालय मे ताला लगा रहता है. इससे रात्रि के समय काफी परेशानी होती है.
अस्पताल प्रशासन की अनदेखी
मरीज के परिजन अरुण ने कहा कि अस्पताल प्रशासन की अनदेखी की वजह से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से मांग करते हुए कहा कि इमरजेंसी वार्ड के शौचालय की समस्या शीघ्र दूर करें. वहीं, नर्सिंग स्टाफ कहती है कि जिस शौचालय में ताला लगाया गया है वह स्टाफ के लिए है.
ड्रेनेज दुरुस्त होते ही खुल जाएगा ताला
सदर अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ सव्यसाची मंडल ने बताया कि ड्रेनेज जाम होने की वजह से शौचालय में बंद किया गया है. ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त होते ही शौचालय का ताला खोल दिया जाएगा.

हाउस कीपिंग के नाम पर लाखों रुपये खर्च
रांची सदर अस्पताल की साफ सफाई का जिम्मा निजी एजेंसी को दिया हुआ है, ताकि शौचालय, बाथ रूम, यूरिनल के साथ-साथ वार्ड की बेहतर सफाई हो सके. इसको लेकर प्रत्येक माह लाखों रुपये खर्च किए जा रहे है. इसके बावजूद गंदा होने के डर से शौचालय के गेट में ताला लगा दिया जाता है.


Next Story