झारखंड

मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत दोगुना लोगों को उपलब्ध कराया गया ऋण

Teja
24 Nov 2021 7:16 AM GMT
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत दोगुना लोगों को उपलब्ध कराया गया ऋण
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लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए झारखंड सरकार की ओर से मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत ओबीसी, एससी-एसटी और दिव्यांग वर्ग के लोगों को वित्तीय सहायता मुहैया कराना है.

जनता से रिश्ता। लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए झारखंड सरकार की ओर से मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत ओबीसी, एससी-एसटी और दिव्यांग वर्ग के लोगों को वित्तीय सहायता मुहैया कराना है. इस योजना को पूरा करने की जिम्मेदारी आदिवासी सहकारी विकास निगम को दी गई है. इस योजना के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में दुमका जिला पूरे प्रदेश में अव्वल है. इसकी वजह है कि जिले के युवाओं में स्वरोजगार के प्रति इच्छा बढ़ा है.आदिवासी सहकारी विकास निगम की ओर से रोजगार के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है. हालांकि, ब्याज दर 5 से 6 प्रतिशत तक है. इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराने का उद्देश्य यह है कि अधिक से अधिक युवा ऋण लेकर स्वरोजगार से जुड़े.

निर्धारित लक्ष्य का 40 प्रतिशत से कम उपलब्धि
वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य का 40 प्रतिशत ही पूरा किया जा सका है. ओबीसी, एससी- एसटी और दिव्यांग केटेगरी श्रेणी में 2778 लोगों को ऋण उपलब्ध कराना था, जिसमें अब तक सिर्फ 805 लोगों को ही ऋण उपलब्ध कराया जा सका है.
दुमका में बेहतर रिकॉर्ड
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना में दुमका का प्रदर्शन अब तक सबसे बेहतर है. इसमें एससी-एसटी कैटेगरी में निर्धारित लक्ष्य 75 लोगों को ऋण उपलब्ध कराना था. इसके विरुद्ध अब तक 143 लोगों को ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है. वहीं, पिछड़े वर्ग में लक्ष्य 50 का था, जिसमें 93 लोगों को ऋण उपलब्ध कराया गया है. इसके साथ ही दिव्यांग कैटेगरी में लक्ष्य 10 था, जिसमें 7 लोगों को ऋण उपलब्ध दिया गया है. वहीं बात राज्य की राजधानी रांची की बात करें, तो एससी-एसटी में लक्ष्य 100 के विरुद्ध 61, पिछड़े वर्ग में लक्ष्य 130 के विरुद्ध 20 और दिव्यांग में लक्ष्य 15 के विरुद्ध 4 लोगों को ही ऋण उपलब्ध कराया जा सका है. यही स्थिति गढ़वा, लातेहार और धनबाद की भी है.
दी गई है काफी सहूलियत
झारखंड आदिवासी सहकारी विकास निगम के कार्यपालक पदाधिकारी अशोक प्रसाद बताते हैं कि यह सरकार की महत्वपूर्ण योजना है. इस योजना के तहत स्वरोजगार को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि बैंकों से ऋण लेने के मुकाबले निगम से ऋण लेने में काफी सहूलियत दी गई है.


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