एलएलपी नहीं बना पैसे के गबन का आरोप, 1.41 करोड़ की ठगी
धनबाद न्यूज़: डायग्नोस्टिक सेंटर (जांच घर) खोलने के नाम पर एक करोड़ 41 लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. झरिया लाइफलाइन अस्पताल के ओमप्रकाश अग्रवाल ने सारिका रेसिडेंसी स्थित अशोक इनक्लेव निवासी हर्षित अग्रवाल और नालंदा इनक्लेव कोलाकुसमा निवासी डॉ मिहिर झा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है.
इस संबंध में ओमप्रकाश ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में आठ फरवरी-2023 को शिकायतवाद दर्ज कराया था. शिकायतवाद पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने पुलिस को दोनों आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन करने का आदेश दिया है. आरोप में ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि 21 जनवरी-2022 को धैया के श्रीराम वाटिका इमेजिका हेल्थ स्कैन अपोलो डायग्नोस्टिक सेंटर में डॉ मिहिर झा ने अपने पार्टनर हर्षित अग्रवाल के साथ मिलकर उन्हें बताया था कि वे लोग एक डायग्नोस्टिक समेत अन्य हेल्थ सर्विस सेंटर बनाकर कारोबार करना चाहते हैं. व्यवसाय में उन्हें भी साझेदार बनाने की बात कही गई. आरोपियों ने बताया कि लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) के तहत डायग्नोस्टिक और हेल्थ स्कैन सेंटर चलाया जाएगा. उन्हें बताया कि डायग्नोस्टिक हेल्थ सेंटर में व्यवसाय के लिए 21 जनवरी 2022 को एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) बनाया गया, जिसमें बताया गया कि व्यापार में हर्षित अग्रवाल 40 प्रतिशत और डॉ मिहिर 20 प्रतिशत और वे 40 प्रतिशत की पूंजी निवेश करेंगे. व्यापार से होनेवाले लाभ एवं हानि में तीनों बराबर के हिस्सेदार होंगे.
ओमप्रकाश का आरोप है कि एमओयू बनाने के बाद धोखाधड़ी की नीयत से आरोपियों ने विश्वास में लेकर 24 मार्च 2022 से 25 मई 2022 के बीच अलग-अलग किस्तों में उनसे 81 लाख 10 हजार 120 रुपए बैंक के माध्यम से लिए. बाद में डॉ मिहिर ने 30 लाख नगद व हर्षित अग्रवाल ने नौ मार्च 2022 को रंजीत के नाम पर 29 लाख 67 हजार रुपए यानी उनसे कुल एक करोड़ 40 लाख 77 हजार 120 रुपए लिए. हर्षित अग्रवाल इमेजिका हेल्थ स्कैन से रिटायर हो गए और अपनी जगह दूसरे व्यक्ति को व्यापार से जोड़ दिया. इस तरह आरोपियों ने सोची-समझी साजिश के तहत एलएलपी नहीं बनाया और उनके रुपए का गबन कर लिया. उनके पैसे को व्यापार में लगाकर दोनों आमदनी कमा रहे हैं.