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रांची: छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले की जांच की आंच अब झारखंड में बढ़ने लगी है. ईडी ने इस मामले में कार्रवाई तेज कर दी है. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ईडी ने ग्रेटर नोएडा में दर्ज कराये गए केस में खुलासा हुआ. छत्तीसगढ़ के बाद झारखंड में भी ईडी इस मामले की जांच करेगी. पहले भी छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में राज्य के वरीय अधिकारियों से पूछताछ भी हो चुकी है. बता दें, ग्रेटर नोएडा में प्रिज्म होलोग्राफिम एंड फिल्म्स सिक्यूरिटीज प्राइवेट लिमिटेड (पीएचएसएफ) की कंपनी है. इस कंपनी में ऑरिजनल और डुप्लीकेट दोनों ही तरह के होलोग्राम बनते थे. ऑरिजनल होलोग्राम की सप्लाई राज्य के उत्पाद विभाग को होती थी, जबकि डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई राज्यों के शराब सिंडिकेट को होती थी.
1200 करोड़ का शराब घोटाला हुआ था छत्तीसगढ़ में
छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट ने झारखंड में भी बड़े पैमाने पर नकली होलोग्राम के जरिए शराब की बिक्री है. इसका खुलासा छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले के मामले में ईडी द्वारा ग्रेटर नोएडा में दर्ज कराए गए केस में हुआ है. छत्तीसगढ़ के 1200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले मामले में ईडी ने ग्रेटर नोएडा के कासना थाने में होलोग्राम आपूर्ति करने वाली कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी, सिक्यूरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विधु गुप्ता सहित 5 नामजद के खिलाफ प्राथमिकी करवाई है.
ईडी के द्वारा दर्ज कराए गए केस में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ की ही तरह झारखंड में भी इसी तरह से प्रिज्म ने गड़बड़ियां की. इन गड़बड़ियों में झारखंड के सलाहकार और छत्तीसगढ़ के विशेष सचिव उत्पाद अरुणपति त्रिपाठी, आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा, अनवर ढेबर और निरंजन दास को भागीदार बताया है. और बताया कि नकली होलोग्राम की सप्लाई सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही नहीं, बल्कि झारखंड में भी छत्तीसगढ़ के मॉडल पर ही नकली होलोग्राम की सप्लाई होती थी. ईडी ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का मास्टरमाइंड अरुणपति त्रिपाठी को बताया है और यह सब अरुणपति त्रिपाठी के इशारे पर होता था. और अब अरुणपति त्रिपाठी ईडी के रडार पर है.
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