झारखंड

शराबबंदी: झारखंड में शराब की खेप माफिया के पहरे में आती है, जाने मामला

Bhumika Sahu
21 Jan 2022 2:21 AM GMT
शराबबंदी: झारखंड में शराब की खेप माफिया के पहरे में आती है, जाने मामला
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पूर्ण शराबबंदी को सफल बनाने के लिए एक तरफ जहां पुलिस की सख्ती है, वहीं शराब की खेप को मंजिल तक पहुंचाने के लिए तस्करों का पहरा है। झारखंड और अन्य राज्यों से लाई जाने वाली शराब की खेप को सही जगह तक पहुंचाने के लिए शराब माफिया एस्कॉट कर रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूर्ण शराबबंदी को सफल बनाने के लिए एक तरफ जहां पुलिस की सख्ती है, वहीं शराब की खेप को मंजिल तक पहुंचाने के लिए तस्करों का पहरा है। झारखंड और अन्य राज्यों से लाई जाने वाली शराब की खेप को सही जगह तक पहुंचाने के लिए शराब माफिया एस्कॉट कर रहे हैं। शराब वाले वाहन से चलने से लेकर पहुंचने तक अलग वाहन से शराब माफिया एस्कॉट करते हुए जाते हैं। बुधवार को बरारी थाना क्षेत्र में उत्पाद विभाग के दारोगा के अपहरण की कोशिश मामले में भी यह बात सामने आई थी कि माफिया झारखंड से ही शराब के वाहन को एस्कॉट करते हुए जा रहे थे।

अगस्त 2018 में जीरोमाइल के पास 405 कार्टन (3600 लीटर) शराब लदे ट्रक कंटेनर को पुलिस ने पकड़ा था। वाहन पर बैठे माफिया को पुलिस ने पकड़ा तो पता चला कि शराब लदे कंटेनर के साथ बाइक से माफिया एस्कॉट भी कर रहे थे। पुलिस ने एस्कॉट कर रहे दो बाइक सवार को पकड़ लिया पर दो अन्य बाइक सवार भाग निकलने में सफल रहे। उस खेप के साथ पुलिस ने बेगूसराय के मटिहानी के रहने वाले राहुल कुमार, नवीन कुमार, अमित कुमार और रोहित कुमार के अलावा नवगछिया के भवानीपुर थाना क्षेत्र के नारायणपुर के इंदल कुमार यादव, पीयूष कुमार और भागलपुर के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के साहेबगंज के रहने वाले मिथिलेश कुमार उर्फ बेचन को गिरफ्तार किया था।
शराब मामले में फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज तक नहीं पहुंच रही पुलिस
शराब मामले में पुलिस पदाधिकारी अपने वरीय अधिकारी के निर्देश के अनुसार जांच नहीं कर रहे, जिस वजह से बड़े माफिया हाथ नहीं आ रहे हैं। पुलिस मुख्यालय के साथ ही डीआईजी और एसएसपी स्तर से थानों को यह निर्देश दिया गया था कि शराब की खेप पकड़ी जाये तो उसके फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज तक अनुसंधान पहुंचना चाहिए। यानी शराब कहां से चली और किसके पास जा रही थी, वहां तक जांच होनी चाहिए। स्थिति यह है कि शराब की खेप के साथ पकड़े गये वाहन चालक तक ही पुलिस की जांच सीमित रह जाती है और बड़े तस्कर गिरफ्त में नहीं आ पाते।
एसएसपी बाबू राम ने कहा, 'शराब को लेकर सघन छापेमारी के साथ ही गहराई से अनुसंधान करने का भी निर्देश दिया गया है। शराब की खेप के साथ पकड़े गये तस्करों के साथ ही खेप के असली मालिक यानी बड़े माफिया को भी गिरफ्तार करने को कहा गया है। आने वाले समय में इस बिंदु पर सख्ती से कार्रवाई होगी।'


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