जमशेदपुर न्यूज़: बागबेड़ा निवासी ट्रांसपोर्टर रामसकल यादव हत्याकांड के चार दोषियों के खिलाफ एडीजे- 4 राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई. इसके अलावा सभी पर 10-10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया.
जुर्माना नहीं देने पर तीन वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. सभी के खिलाफ 21 फरवरी को तीन धाराओं (हत्या, साक्ष्य छुपाने, साजिश करने एवं आर्म्स एक्ट) के तहत दोष सिद्ध हुआ था. दोषियों में विक्की तापड़िया (जुगसलाई), नितेश तिवारी (आदित्यपुर), अविनाश कुमार (आदित्यपुर) एवं पंकज शर्मा (आरआईटी) शामिल है. सरकार की ओर से अदालत में अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने पक्ष रखा. पुलिस आरोपपत्र के 26 गवाहों का परीक्षण कराया गया था, जबकि सूचक पक्ष से अधिवक्ता शंकर सिंह ने बहस की. पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, व्यवसायिक प्रतिद्वंद्विता के कारण रामसकल यादव की हत्या शूटर से कराई गई, क्योंकि सवा दो करोड़ रुपये नहीं मिलने पर रामसकल यादव ने आरएस कंस्ट्रक्शन बिष्टूपुर की चार फ्लैट में ताला लगा दिया था. ट्रांसपोर्टर रामसकल यादव की हत्या मॉर्निंग वॉक के दौरान बिष्टूपुर थाना क्षेत्र स्थित जुबली पार्क गेट नंबर 2 के पास 1 अगस्त 2015 की सुबह गोली मारकर की गई थी.
हत्या का मामला पत्नी रंजू देवी ने बिष्टूपुर थाने में दर्ज कराया था. तत्कालिन झामुमो नेता स्व. उपेन्द्र सिंह को भी पुलिस ने आरोपी बनाकर जेल भेजा था. वहीं, तपाड़िया कंस्ट्रक्शन के संदीप तपाड़िया व मुन्ना तपाड़िया समेत अन्य को भी आरोपी बनाया गया था. उपेन्द्र सिंह की हत्या 30 नवंबर 2016 को बार भवन में गोली मारकर कर दी गई.
हत्याकांड में मुनमुन व रविशेखर फरार: रामसकल यादव हत्याकांड में मुनमुन सिंह व रविशेखर फरार है. 21 फरवरी को दोष सिद्ध होने के दौरान वह अन्य आरोपियों के साथ अदालत में पेश नहीं हुआ था. इससे अदालत ने फरार मुनमुन सिंह को गिरफ्तार करने का आदेश पुलिस को दिया है.