
राँची न्यूज़: शहर के निजी स्कूलों में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के विद्यार्थियों के लिए पिछले सत्र में निर्धारित सीटों में से करीब आधी सीटें खाली रह गईं. 2022-23 के लिए 1213 सीटें तय थीं, लेकिन 663 विद्यार्थियों का ही नामांकन हुआ. वहीं, अब 2023-24 के लिए रांची जिले में सीटें बढ़ाकर 1287 करते हुए शिक्षा विभाग ने दाखिले के लिए आवेदन मांगे हैं. हालांकि सभी सीटों पर ऐसे छात्रों का दाखिला नहीं होने पर अभिभावकों में रोष है. अभिभावकों का आरोप है कि सरकार व निजी स्कूल के बीच सामंजस्य नहीं है. उधर, शिक्षा विभाग ने कहा कि दाखिला न लेने वाले स्कूलों की शिकायत मिलने पर उनसे कारण पूछा गया. निजी स्कूलों का कहना है कि नियमों के अनुसार नामांकन लिया गया. विभाग व निजी स्कूल प्रबंधन के पत्राचार के बीच कई बच्चों का पिछले सत्र में दाखिला नहीं हो पाया. बता दें कि प्राप्त आवेदन के बाद नियमों के आधार पर विभाग की ओर से आरटीई नियम के अनुसार बीपीएल कोटे से 25 फीसद सीटों पर नामांकन लेने का प्रावधान है.
10 साल में 94 प्रतिशत सीट खाली आरटीआई कार्यकर्त्ता हसन अल बन्ना के अनुसार झारखंड में पिछले 10 साल में आरटीई के तहत दाखिला लेने में 94 प्रतिशत सीटें खाली रही हैं. उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पैब) की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में प्रतिवर्ष 24,347 सीटें भरी जानी हैं, लेकिन अभी तक मात्र 14,169 सीटें ही भरी गई हैं.
आरटीई व लोकसभा में दक्षिण भारत के सांसद द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में बताया गया है कि झारखंड में इस सत्र में 374 स्कूल बीपीएल से नामांकन के दायरे में हैं.