झारखंड

जानिए अगस्त में सीएम हेमंत और झामुमो के बड़े बयान जो बनीं सुर्खियां

Renuka Sahu
8 Sep 2022 2:12 AM GMT
Know the big statements of CM Hemant and JMM which became headlines in August
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न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

अगस्त महीने में झारखंड का सियासी पारा चढ़ा रहा. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग से राजभवन आये पत्र को लेकर अबतक संशय बरकरार है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगस्त महीने में झारखंड का सियासी पारा चढ़ा रहा. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग से राजभवन आये पत्र को लेकर अबतक संशय बरकरार है. विधायकों के टूटने के आशंका के बीच सरकार को सेफ करने के लिए विधायक रायपुर ले जाये गये. इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शासन से जुड़े नीतिगत फैसले लेते रहे. वे भाजपा और केंद्र सरकार पर भी हमलावर रहे. पूरे आत्मविश्वास के साथ कहते रहे कि सरकार को कुछ नहीं होगा. केंद्र और भाजपा को जितना कुचक्र रचना है, रच रहे, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा. पार्टी की ओर से महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य भी भाजपा पर आक्रामक रहे. पढ़िये अगस्त महीने में हेमंत सोरेन और सुप्रियो भट्टाचार्य ने क्या-क्या कहा.

हेमंत सोरेन
30 अगस्त- दिल्लगी कुर्सी से नहीं बल्कि राज्य की सवा तीन करोड़ जनता से की है. कोई अनहोनी नहीं होगी. हर परिस्थिति का सामना करने के लिए सत्ता पक्ष तैयार है. रणनीति के तहत कार्य किए जा रहे हैं. राज्य में षड्यंत्रकारियों को जवाब सत्ता पक्ष तरीके से देगी.
27 अगस्त- केंद्र सरकार और भाजपा को जितना कुचक्र रचना है रच ले, कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं आदिवासी का बेटा हूं. झारखंड का बेटा हूं. हम डरने वाले नहीं, लड़ने वाले लोग हैं. भाजपा के नालायकों ने 20 वर्षों तक राज्य को खोखला करने का काम किया. आदिवासियों-मूलवासियों, पारा शिक्षकों, आंगनबाड़ी दीदियों, सरकारी कर्मचारियों, महिला, युवा, किसानों, बुजुर्गों को इन्होंने सिर्फ लाठी-डंडा दिया.
26 अगस्त- केंद्र की सरकार ने मुझे और मेरे परिवार को परेशान करने के लिए विभिन्न एजेंसियों का इस्तेमाल किया, लेकिन हम इससे घबराने वाले नहीं हैं. यह कुर्सी जनता ने दी है. डबल इंजन की सरकार ने झारखंड को सिर्फ लूटा है और झारखंड के खजाने को खाली कर दिया है. यह व्यापारियों की सरकार है. केंद्र से राज्य का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया क्या मांगा, इन्होंने परेशान करने के लिए एजेंसियों को मेरे पीछे लगा दिया.
25 अगस्त- भाजपा सांसद केंद्रीय एजेंसियों के प्रवक्ता बने बैठे हैं. सीलबंद लिफाफे में क्या लिखा है, इसके बारे में वे तरह-तरह की भविष्यवाणी कर रहे हैं. मेरे विरोधी एक बात कान खोल कर सुन लें. झारखंड की जनता मेरे साथ है. वे कुछ भी कर लें, जनता दरबार में जीत मुझे ही मिलेगी. आप संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे?
18 अगस्त- आदिवासियों एवं मूलवासियों के हक और अधिकार के लिए सरकार सदैव उनके साथ है. हम कहने में नहीं करने में विश्वास रखते हैं. आज गांव-गांव तक यह संदेश जा रहा है कि उनके हित के लिए सरकार उनके साथ खड़ी है. हमारा लगातार प्रयास है कि राज्य की जनजाति, मूल निवासी के उत्थान के लिए काम करें.
15 अगस्त- जिन उम्मीदों को लेकर झारखंड राज्य का निर्माण हुआ था, हम उसको पूरा करने के लिए मजबूत और ईमानदार प्रयास करेंगे. हमारी सरकार विकास मूल मंत्र, आधार लोकतंत्र के साथ एक सशक्त राज्य के निर्माण के लिए निरंतर प्रत्यनशील है.
13 अगस्त- सीएनटी और एसपीटी एक्ट के कारण कई जरूरतमंदों को बैंक से लोन उपलब्ध नहीं हो पाता है. इस समस्या के समाधान के लिए सरकार काम कर रही है.
10 अगस्त- हमेशा जल-जंगल जमीन बचाने की बात तो होती है, लेकिन आदिवासी कैसे बचे, इस पर कोई बात नहीं होती. शीर्ष कुर्सी पर बैठे लोगों तक आदिवासियों की आवाज नहीं पहुंच पाती. हम ऐसा आवाज उठायें कि शीर्ष कुर्सी तक वह पहुंचे.
8 अगस्त- झारखंड की सरकार को अस्थिर करने की पुरजोर कोशिश हो रही है, लेकिन ऐसी मंशा पालने वाले कभी कामयाब नहीं होंगे. बीते कुछ महीनों से कुछ ताकतें सरकार को बदनाम और अस्थिर करने की कोशिशों में जुटीं हैं. इसके लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. वे चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि उनकी नीयत में खोट है. हमारी नीयत साफ है. हमें सत्ता का मोह नहीं है.
7 अगस्त- झारखंड के खनिज एवं वन संपदाओं का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, लेकिन राज्य के आदिवासी और मूलवासी ने हमेशा ठगा हुआ महसूस किया है. खनिज संपदा के उत्खनन से प्राप्त आय का अधिकाधिक हिस्सा झारखंड को प्राप्त होना चाहिए लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जो नीतिगत परिवर्तन हुए वो ठीक इसके विपरीत साबित हुए हैं.
1 अगस्त- किसान का लिबास पहनकर सदन आने वाले भाजपा वाले ओरिजिनल किसान नहीं हैं. सदन ने स्पष्ट किया है कि आज सरकार वर्तमान वर्षा की स्थिति और उससे उत्पन्न सुखाड़ की स्थिति को लेकर चर्चा करना चाहती है, लेकिन भाजपा वाले विरोध-प्रदर्शन कर पूरे हाउस को पैरालाइज करने का षड्यंत्र रच रहे हैं.
31 अगस्त- जब उत्तर प्रदेश या भाजपा शासित अन्य राज्य में कोई घटना घटती तो वहां किसी को जाने नहीं दिया जाता. गैर भाजपा शासित राज्यों में छोटी घटना पर भी केंद्रीय नेता पहुंच जाते हैं. पिछले तीन दिनों से यही रांची और दुमका में किया जा रहा है. इस तरह की मजहबी राजनीति भाजपा ने जो शुरू की है, वह समाज में बहुत ही विष घोलने का काम कर रहा है.
26 अगस्त- भाजपा के 16 विधायक झामुमो के संपर्क में है. और 50 प्लस का आंकड़ा जब भी हम चाहे गिना सकते हैं. हमारी पार्टी संघर्ष करना जानती है और आगे भी संघर्ष करेगी. चाहे लोग कितना भी छल प्रपंच कर ले.
25 अगस्त- आज झामुमो घंटा बन गया है. जो आता है बजा कर चला जाता है. हम अपने कमिटमेंट को जानते हैं. राजनीतिक विकल्पों का ही नाम है. हमारी सरकार पूरी मजबूती के साथ अपना कार्यकाल पूरा करेगी. जो भी वादे किए हैं, उसे पूरा किया जाएगा.
24 अगस्त- आज झारखंड में खनन मामले में ईडी की जांच चल रही है. उस जांच के दायरे में जो भी सामने आ रहे हैं, उन्हें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जोड़ा जा रहा है. आखिर यह कैसे हो सकता है, कि जो व्यक्ति पूर्व सीएम रघुवर दास के साथ देवघर में उनके सचिव के बेटे के रिसेप्शन पार्टी में शामिल हुआ हो, जिसका संबंध सार्वजनिक तौर पर पूर्व मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के साथ था, वह हेमंत सोरेन का करीबी कैसे हो सकता है. हम चाहते हैं कि इसकी जांच हो, ताकि जांच के दायरे में रघुवर दास भी आएं.

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