झारखंड

जानें कैसे होती है उनकी गिनती और मैनेजमेंट

Admin4
19 July 2022 2:56 PM GMT
जानें कैसे होती है उनकी गिनती और मैनेजमेंट
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देवघर. झारखंड के देवघर में श्रावणी मेला के दौरान लाखों भक्त बाबा नगरी पहुंचते हैं ऐसे में जरूरी है कि झारखंड की सीमा में प्रवेश करने वाले कावड़ियों का आंकलन किया जाए. इसी आंकलन के आधार पर देवघर बाबा मंदिर में भीड़ कंट्रोल मैनेजमेंट लागू किया जाता है. देवघर के दुम्मा बॉर्डर पर एक्सेस कार्ड (प्रवेश कार्ड) सेंटर बनाया गया है जिसमें आठ काउंटर हैं और इसमें 16 व्यक्ति एक साथ कार्य करते हैं जो आने वाले श्रद्धालुओं को एक प्रवेश कार्ड देते हैं. इसी के आधार पर जिला प्रशासन आंकड़ा इकट्ठा करता है कि कितने कांवरिया और किस रफ्तार से झारखंड में प्रवेश कर रहे हैं.

देवघर श्रावणी मेला में आंकड़ों के आधार पर क्राउड कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम चलता है, ऐसे में जरूरी है कि आने वाले कांवड़ियों का एक आंकड़ा इकट्ठा किया जाए. बिहार-झारखंड की सीमा दुम्मा पर एक्सेस कार्ड सेंटर में एक दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किया जाता है. झारखंड की सीमा में प्रवेश करने वाले सभी श्रद्धालुओं को यहां पर एक कंप्यूटरकृत कूपन दिया जाता है. इस प्रवेश कार्ड को लेकर कांवरिया देवघर पहुंचते हैं. इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को तुरंत मिल जाती हैय देवघर में सबसे ज्यादा इसी रास्ते से कांवरिया पहुंचते हैं.

इसके अलावा ट्रेन, बस और अपनी गाड़ियों से भी कांवरिया पहुंचते हैं. इनके लिए मंदिर में हेड काउंट सिस्टम लगाया गया है. कुल मिलाकर इस सेंटर पर आने वाले श्रद्धालुओं के आंकड़े इकट्ठे कर देवघर बाबा मंदिर में दर्शन के लिए प्रबंध किया जाता है. इस सेंटर पर श्रद्धालुओं को संपूर्ण जानकारी भी दी जाती है. यहां मौजूद पुलिसकर्मी और मजिस्ट्रेट श्रद्धालुओं को जागरूक भी करते हैं और यहां से गुजरने वाले श्रद्धालु इस कूपन को लेकर बाबा धाम प्रवेश करते हैं.

श्रद्धालु भी इस सुविधा से काफी खुश हैं उन्हें लगता है कि इस कार्ड के जरिए प्रशासन इनके बाबा मंदिर पहुंचने से पहले व्यापक व्यवस्था कर लेगी. इस बार के पहले सोमवारी को जिला प्रशासन ने इसी सेंटर के माध्यम से यह आंकड़ा इकट्ठा किया था कि दो लाख से ज्यादा कांवरिया आएंगे और दो लाख के करीब ही कांवरिया आए .

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