झारखंड
Kiriburu: नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 66 बूथों पर वोटिंग कराना पुलिस के लिए चुनौती
Tara Tandi
19 Oct 2024 10:27 AM GMT
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Kiriburu किरीबुरू : नवंबर में होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में जगन्नाथपुर के 36 और मनोहरपुर के 30 मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हैं. यहां शांतिपूर्ण मतदान करना पुलिस और जिला प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण है. जगन्नाथपुर विधानसभा अन्तर्गत 1 से 36 बूथ संख्या तथा मनोहरपुर विधानसभा अन्तर्गत 1-30 बूथ संख्या सारंडा जंगल स्थित अत्यंत नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हैं. यहां मतदान कार्य में एक घंटा की कमी कर शाम चार बजे तक ही किया गया है. हालांकि जहां यह बूथ हैं वहां वर्तमान में नक्सल गतिविधियां नहीं हैं और बूथों के आसपास सीआरपीएफ कैंप हैं. ऐसी स्थिति में इस बात की संभावना कम है कि नक्सली चुनाव कार्य में बाधा डाल सकते हैं. लेकिन नक्सलियों की रणनीति व जहां-तहां वर्षों पूर्व सारंडा के विभिन्न क्षेत्रों में लगाये गये आइईडी को आज तक पूरी तरह से निकाला नहीं जा सका है. इसका इस्तेमाल नक्सली करने की कोशिश कर सकते हैं. ऐसे बूथों पर पोलिंग पार्टी को जिला प्रशासन हेलीकॉप्टर से हर बार एयर ड्रॉपिंग की व्यवस्था करती है जिससे घटना की संभावना शून्य रहती है.
वर्तमान विधानसभा चुनाव के दौरान भाकपा माओवादी नक्सली सारंडा जंगल क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन व चुनाव आयोग के लिये परेशानी का कारण बन सकते हैं. एक समय लगभग 850 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला सारंडा जंगल के सभी क्षेत्रों में नक्सलियों का कब्जा था. लेकिन वर्ष 2011 में लगभग एक माह तक सबसे लंबी चली ऑपरेशन ऐनाकोंडा के बाद से लेकर आज तक पुलिस व सीआरपीएफ ने नक्सलियों को न सिर्फ छोटानागरा एवं जराईकेला थाना के सीमावर्ती कुछ जंगल क्षेत्रों में ही न सिर्फ सिमटा दिया है, बल्कि उनके तमाम कोर जोन में दर्जनों पुलिस कैम्प स्थापित कर उनकी गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगा दिया है. वर्तमान में नक्सली छोटानागरा एवं जराईकेला थाना के सीमावर्ती जंगल बालिबा, बाबूडेरा, होलोंगउली, समठा आदि क्षेत्र के घने जंगलों में न सिर्फ छिप कर रह रहे हैं बल्कि उक्त जंगल क्षेत्र में सैकड़ों आइइडी व प्रेशर बम अपने आप को बचाने तथा पुलिस को नुकसान पहुंचाने हेतु लगा रखे हैं. इसी जंगल क्षेत्र से वे अपने कुछ समर्थक ग्रामीणों को सारंडा के विभिन्न क्षेत्रों में भेज समय समय पर पोस्टर-बैनर लगा अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश करते रहते हैं. जिस जंगल क्षेत्र में नक्सली शरण लिये हैं उसी क्षेत्र में 17 अक्टूबर को मकरंडा गांव निवासी युवक सुनील सुरीन की प्रेशर बम की चपेट में आने के बाद 18 अक्टूबर को मौत हो गई. उक्त युवक जंगल में वनोत्पाद लाने गया था
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Tara Tandi
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