बिजली दर तय करने में रखें केंद्र के लक्ष्य का ध्यान, जून में तय हो सकती है बिजली दर
राँची न्यूज़: ऊर्जा मंत्रालय ने सभी राज्यों के विद्युत नियामक आयोग को पत्र लिखा है. इसमें आग्रह किया गया है कि बिजली की दरें तय करते समय केंद्र सरकार की ओर से डिस्कॉम को एटीएंडसी हानि (तकनीकी एवं वाणिज्यिक) कम करने का जो लक्ष्य निर्धारित है, उसे ही आधार माना जाए. ऐसा नहीं हो कि 2022-23 के लिए बिजली की दर तय करते समय 2024-25 तक एटीएंडसी हानि को कम करने के लिए निर्धारित लक्ष्य को आधार मान लिया जाए. ऐसा होने पर बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) के सामने वित्तीय कठिनाई सामने आ जाएगी.
पत्र के साथ सभी राज्यों के तीन वर्षों का एटीएंडसी हानि का निर्धारित लक्ष्य का विवरण भी दिया गया है. झारखंड में वर्ष 2019-20 में एटीएंडसी हानि 36 प्रतिशत है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में 30 और 23-24 में 24 जबकि 2024-25 में 19 फीसदी तक हानि कम करना है. ऊर्जा मंत्रालय ने राज्यों के आयोग से आग्रह किया है कि जिस वर्ष के लिए बिजली दर तय की जा रही है, उसी वर्ष के लिए एटीएंडसी हानि को कम करने के लिए निर्धारित लक्ष्य को आधार बनाया जाए. जानकारी के अनुसार झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) को यह पत्र प्राप्त हो गया है.
पत्र में कहा गया है कि मंत्रालय के ध्यान में यह लाया गया है कि नियामक आयोग एटीएंडसी हानि के अंतिम लक्ष्य को वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दर तय करने में आधार बना रहा है. इससे डिस्कॉम के समक्ष राजस्व का अंतर पैदा होता है. डिस्कॉम पर अपनी नकदी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कर्ज का बोझ बढ़ जाता है.
इससे एटीएंडसी हानि को कम करने के लिए निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में बाधा उत्पन्न हो जाती है. ऊर्जा मंत्रालय की ओर से यह भी जानकारी दी गई है कि केंद्र सरकार की ओर से बिजली वितरण कंपनियों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम बेंचमार्क हासिल करने का लक्ष्य दिया गया है. इसके लिए डिस्कॉम वित्तीय सहायता प्रदान करके उनकी परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार करने के लिए रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) शुरू की है. इसके तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 तक एटीएंडसी हानि को अखिल भारतीय स्तर पर 12-15 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य है.
झारखंड विद्युत नियामक आयोग ने जेबीवीएनएल के बिजली टैरिफ दर तय करने वाले प्रस्ताव पर जनसुनवाई की प्रक्रिया 13 अप्रैल को रांची में पूरी कर ली है. अब आयोग मई के अंत या जून तक बिजली टैरिफ पर फैसला लेगा. डालटनगंज, चाईबासा, दुमका, देवघर, धनबाद में जनसुनवाई पहले ही पूरी की जा चुकी है. जेबीवीएनएल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 वाली दर में 25 पैसा प्रति यूनिट वृद्धि का प्रस्ताव दिया था. बिजली दर तय करते समय आयोग उसे लागू करने का समय भी तय करता है. सूत्रों के अनुसार, यदि यह जून में तय हुआ तो जून से ही लागू किया जा सकता है.