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झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संसोधन नियमावली 20 21 को चुनौतीवाली याचिका की फाइनल सुनवाई अब झारखंड हाइकोर्ट में 10 अगस्त को होगी. बुधवार को रमेश हांसदा एवं अन्य की ओर से इस नियमावली को चुनौती देनेवाली याचिका की सुनवाई हाइकोर्ट के मुख्य न्यायधीश डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई
Ranchi : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संसोधन नियमावली 20 21 को चुनौतीवाली याचिका की फाइनल सुनवाई अब झारखंड हाइकोर्ट में 10 अगस्त को होगी. बुधवार को रमेश हांसदा एवं अन्य की ओर से इस नियमावली को चुनौती देनेवाली याचिका की सुनवाई हाइकोर्ट के मुख्य न्यायधीश डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई. प्रार्थी की ओर से कहा गया कि नियमावली में झारखंड के शिक्षण संस्थाओं से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास करना अनिवार्य है. साथ ही स्थानीय भाषा, रीति रिवाज की भी जानकारी जरूरी है.
लेकिन आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के मामले में यह प्रावधान शिथिल रहेगा. हिंदी को क्षेत्रीय भाषा की श्रेणी से निकाल दिया गया है. प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजित कुमार ने पैरवी करते हुए कहा कि सरकार बार-बार समय लेकर मामले को लंबा खींच रही है. साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा नहीं करना चाहती है. सरकार की मंशा बार-बार समय लेकर इसे टालने की है. राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने समय की मांग की. उनकी ओर से कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से मामले में कोई नया निर्णय नहीं आया है. सरकार का इस मामले में पहले जो स्टैंड था वही आज भी है. सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने फाइनल सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की.

Rani Sahu
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